बहुत कम उपयोगी हैं पीएम केयर्स फंड से मिले 175 वेंटिलेटर्स- दिल्ली सरकार के अस्पताल ने उठाया मुद्दा
अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि बिना इंट्यूबेशन के हम रोगी को नाक के रास्ते ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा सकते हैं और इससे रोगी नेचुरल रूप से भी सांस लेता रहेगा। बीआईपीएपी मोड नेचुरल रूप से सांस लेने में मदद करता है।

आस्था सक्सेनाः दिल्ली सरकार के लोक नायक अस्पताल ने पीएम केयर्स फंड की तरफ से मिले 175 वेंटिलेटर्स की उपयोगिता पर सवाल खड़े किये हैं। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि इन वेंटिलेटर्स में बीआईएपी मोड नहीं है। अस्पताल ने इस बात की सूचना स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक को दे दी है।
अस्पताल ने अन्य 250 बीआईएपी मशीनों की मांग की है जिनमें बीआईएपी मोड हो। मालूम हो कि कोरोना संकट के दौरान पीएम केयर्स फंड के जरिये ये वेंटिलेटर्स दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित लोकनायक अस्पताल को दिए गए थे। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि बिना इंट्यूबेशन के हम रोगी को नाक के रास्ते ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा सकते हैं और इससे रोगी नेचुरल रूप से भी सांस लेता रहेगा।
बीआईपीएपी मोड नेचुरल रूप से सांस लेने में मदद करता है। वहीं दिल्ली सरकार के अस्पताल में वेंटिलेटर्स की आपूर्ति करने वाले उत्पादक का उत्पादक का कहना है कि मशीन में बीआईएपी मोड है, संभव है कि अस्पताल ने उसे ठीक तरीके से इंस्टॉल नहीं किया हो।
डॉ. नूतन मुंदेजा ने कहा कि बायलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (BiPAP) रोगी को ऑक्सीजन देने की एक नॉन-इन्वेसिव तकनीक है। इन वेंटिलेंटर्स में समस्या यह है कि इनमें बीआईपीएपी मोड नहीं है। इस मुद्दे को उठाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेश को बताया गया है। मालूम हो कि लोकनायक अस्पताल राजधानी का कोविड का सबसे बड़ा सेंटर बनाया गया है।
यहां 2000 बेड की सुविधा है। इसमें 100 बेड का आईसीयू भी है। दिल्ली के कोरोना ऐप के अनुसार यहां अभी 59 बेड पर रोगियों का इलाज चल रहा है। अस्पताल में 500 बेड का आईसीयू सेंटर बनाने की प्रक्रिया चल रही है।