कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नए निर्देश जारी किए है। राज्य सरकार का कहना है कि किसी की मृत्यु के बाद तेरहवीं का भोज कराया जाता है तो दोषी को जेल की सजा काटनी पड़ सकती है। इतना ही नहीं ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित गांव के सरपंच और पटवारी पर भी कार्रवाई होगी।
जारी किए गए निर्देश में राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि, राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज होने की सूचना न्यायालय को दिए जाने का जिम्मेदारी पंच,पटवारी और सरपंच की है। प्रावधान का उल्लंघन करने पर इन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत आई थी सामने: बता दें कि कोरोना काल के बीच हाल ही में मृत्युभोज को लेकर एक शिकायत मिली थी जिसके बाद राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी पुलिस अधीक्षकों को राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 की पालन कराने के लिए रिमांइडर भेजते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 पहले से बना हुआ है। लेकिन सामाजिक बंदिशों के चलते इसका पालन नहीं हो रहा है।
बता दें कि राजस्थान में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 21 हजार 577 पहुंच गई है। राज्य में अब 4516 एक्टिव केस हैं। बुधवार को सुबह 10:30 बजे तक कोरोने के 6 संक्रमितों की मौत के बाद प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 478 हो गई।