बिलकिस बानो गैंगरेप मामले (Bilkis Bano gangrape case) में 11 दोषियों को पिछले साल रिहा कर दिया गया था। इसमें से एक ने शनिवार को एक सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के दाहोद सांसद जसवंतसिंह भाभोर (BJP Dahod MP Jasvantsinh Bhabhor) और उनके भाई लिमखेड़ा से भाजपा विधायक शैलेश भाभोर के साथ मंच साझा किया।
दाहोद जिले के सिंगवाड तालुका के करमाडी गांव में गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (जीडब्ल्यूएसएसबी) परियोजना के शिलान्यास समारोह में दोषी, 63 वर्षीय शैलेश भट्ट शामिल हुए। दाहोद जिला सूचना विभाग (Dahod District Information Department) द्वारा जारी कार्यक्रम की तस्वीरों में शैलेश भट्ट सबसे आगे की पंक्ति में जसवंतसिंह भाभोर और सिंगवाड तालुका पंचायत के अध्यक्ष कांता डामोर के बीच बैठे हैं। मंच की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया और जसवंतसिंह भाभोर के पोस्टर लगे हुए हैं।
इस पूरे विवाद पर शैलेश भट्ट ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “यह (GWSSB) एक सार्वजनिक कार्यक्रम था जिसमें मैंने भाग लिया था। मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है।” जबकि सांसद जसवंतसिंह भाभोर ने शैलेश भट्ट की उपस्थिति पर प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। वहीं सांसद के भाई शैलेश भाभोर ने कहा, “विधायक होने के नाते मैं इस कार्यक्रम में इतना व्यस्त था कि मैंने यह नहीं देखा कि मंच पर और कौन बैठा है। मैं देखूंगा कि क्या वह (भट्ट) कार्यक्रम में मौजूद थे।” दाहोद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि किसने शैलेश भट्ट को कार्यक्रम में आमंत्रित किया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
GWSSB दाहोद के उप अभियंता प्रदीप परमार ने कहा, “जल आपूर्ति विभाग द्वारा निमंत्रण नहीं भेजा जाता है, भले ही कार्यक्रम हमारे द्वारा आयोजित किया गया हो। तालुका पंचायत सदस्यों ने मेहमानों को आमंत्रित किया होगा। हमें नहीं पता कि मंच पर बैठने का फैसला किसने किया। यह संभव है कि लिमखेड़ा में GWSSB के स्थानीय इंजीनियर को सूची की जानकारी हो।”
बता दें कि कार्यक्रम में 101.88 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास किया, जिसमें महिसागर जिले के कड़ाना बांध से लिमखेड़ा, सिंगवाड और झालोद तालुका के 64 गांवों में पीने योग्य पानी लाने के लिए पाइपलाइनों का एक नेटवर्क देखा जाएगा। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा पाने वाली शैलेश भट्ट और 10 अन्य को 15 अगस्त, 2022 को रिहा किया गया था। 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती दी गई है।