महाराष्ट्र की आईपीएस अधिकारी निधि चौधरी के ‘थैंक्यू गोड़से’ वाले ट्वीट के बाद विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुंबई नगरपालिका में स्पेशल जॉइंट कमिश्नर के रूप में काम करने वाली निधि को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की गई है। एनसीपी ने इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बताया है।

निधि ने 17 मई को अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था। निधि ने इस ट्वीट में लिखा, ‘150वीं जयंती मनाने के पीछे क्या उम्मीद हो सकती है। ये सही वक्त है कि देश की करेंसी से उनकी तस्वीर हटाई जाए और उनके स्टेटस को भी दुनिया से हटाया जाना चाहिए। संस्थानों/सड़कों से भी गांधी का नाम बदल देना चाहिए।

यह हम सब की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। थैंक्यू गोडसे 30.01.1948 के लिए।’ आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल हो गया। विवाद बढ़ने पर निधि ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।  एनसीपी के पार्षद जितेंद्र अवहड़ ने शनिवार को इस पर ऐतराज जताया।

जितेंद्र ने कहा कि हम सेवारत आईएएस अधिकारी के तुरंत सस्पेंशन की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि कैसे एक आईएएस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का इस तरह से अपमान कर सकती है? एनसीपी पार्षद के अनुसार निधि का ट्वीट नौकरशाहों के सर्विस कंडक्ट रूल के नियमों की दृष्टि से आपत्तिजनक है।

मैंने व्यंग्य किया थाः इस बारे में आईएएस अधिकारी निधि चौधरी ने कहा कि वह सच्ची गांधीवादी हैं। उन्होंने कहा कि मेरा ट्वीट व्यंग्य था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हैं जो गांधीजी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं. मेरा पोस्ट उन लोगों के जवाब में था। कुछ लोगों ने इसे बिल्कुल गलत समझ लिया। लोगों को ट्वीटके पहले वाक्य के अंत में रोने वाली इमोजी क्य़ों नहीं दिखाई दीं। मैं गांधी जी के अपमान के बारे में सोच भी नहीं सकती।

इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी भोपाल से सांसद बनी और मालेगांव बम धमाकों में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। साध्वी के बयान की भी काफी आलोचना हुई थी। हालांकि, साध्वी ने इसके बाद माफी मांग ली थी।