राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ करीब चालीस दिनों तक बागी तेवर दिखाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिव पायलट एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने चुनावी वादों को लेकर कथित तौर पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है और इस बाबत एक पत्र भी सीएम को लिखा है। पत्र में आरक्षण का चुनावी वादा याद दिलाया गया है, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। पायलट ने राज्य की सरकारी नौकरियों में गुर्जर और अति पिछड़ा वर्ग को पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए सीएम को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया कि चुनावी घोषणा के बावजूद यह आरक्षण अभी तक लागू नहीं किया गया है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने पत्र में लिखा, ‘मेरे संज्ञान में लाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में एमबीसी समाज को 5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 और रीट भर्ती 2018 में भी 5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया।’ पत्र बीते शनिवार को मीडिया में सामने आया। पायलट ने कहा है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मिलकर और प्रतिवेदनों के जरिए इस मुद्दे को उठाया।
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सचिन पायलट का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि हमें पार्टी को मजबूत करने की दिशा में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पंचायत चुनाव, नगरपालिका में ध्यान लगाना चाहिए। 36 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। जवाबदेही निरंतर तय होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चुनाव तो पांच साल बाद होते हैं मगर जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है जिसे हमें हमेशा निभाते रहना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सीएम और डिप्टी सीएम में सियासी उठा पटक के बीच अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से उप मुख्यमंत्री का पद छीन लिया था। पायलट के बागी रुख अपनाने के बीच गहलोत उन्हें निकम्मा-नकारा और भाजपा के साथ मिलकर साजिश रचने वाला तक बता दिया था। शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से दोनों नेताओं ने दोबारा हाथ तो मिला लिया, लेकिन उसी समय से यह सवाल बना हुआ है कि क्या दोनों के दिल फिर मिल पाएंगे?