कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पार्टी की जीत का श्रेय दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) राज्य से पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दूर रहे और पूरे अभियान के दौरान प्रियंका गांधी राज्य में आती रहीं। भले ही प्रियंका गांधी ने राज्य में सीमित रैलियां कीं लेकिन वह निश्चित रूप से राज्य में कांग्रेस सरकार (Congress government) को सुचारू रूप से स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि हिमाचल में कांग्रेस के लिए अभी मुश्किल कम नहीं हुई है।
प्रियंका गांधी बना रहीं टीम
प्रियंका गांधी वाड्रा धीरे-धीरे अपनी टीम बना रही हैं जिसके सदस्यों में भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) शामिल हैं, जो पार्टी के हिमाचल प्रदेश में सोशल मीडिया अभियान के प्रभारी थे। प्रियंका की टीम में राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla), भूपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Hooda) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) भी शामिल हैं, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार किया। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुजरात चुनाव (Gujarat) पर ध्यान केंद्रित किया।
क्यों चुना गया सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री, जानें
संयोग से सुखविंदर सिंह सुक्खू को दो अन्य दावेदारों के मुकाबले मुख्यमंत्री चुने जाने का एक संभावित कारण यह भी है कि उनका वाड्रा परिवार के साथ पुराना संबंध है। दरअसल सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने शिमला के पास मशोबरा (Mashobra near Shimla) में प्रियंका गांधी के समर रिट्रीट के निर्माण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं में उनकी सहायता की थी।
कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी को दिया प्रस्ताव
हालांकि हिमाचल प्रदेश की कहानी (Himachal story) अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। डीप थ्रोट ने बताया कि कांग्रेस (Congress) में कुछ लोगों ने पहले ही पाला बदलने के लिए भाजपा (BJP) को प्रस्ताव दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अभी ऐसा नहीं करना चाहते हैं। पीएम मोदी ने महसूस किया कि वर्तमान समय में एक गन्दा टॉपलिंग अभ्यास (messy toppling exercise) केवल उनकी शानदार गुजरात जीत (Gujarat victory) के प्रभाव को कम करेगा।
बता दें कि हिमाचल में कांग्रेस को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं बीजेपी को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई है। जबकि तीन सीटें निर्दलियों के खाते में गई है।