उत्तराखंड: हरीश रावत ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, बागी कांग्रेस विधायक बोले- चोर-डकैत भी कोर्ट में पहुंच जाते हैं
हरीश रावत की ओर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के खिलाफ वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की।

उत्तराखंड की सियासी लड़ाई अब कोर्ट कचहरी में पहुंच गई है। जहां हरीश रावत सरकार को राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार (28 मार्च) को नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल द्वारा कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ मंगलवार (29 मार्च) को बागी विधायक नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। सोमवार (28 मार्च) को नैनीताल हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत की ओर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के खिलाफ वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की। हाईकोर्ट के जज यू सी ध्यानी की अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई की तारीख मंगलवार (29 मार्च) को दी है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी सदस्यता खत्म किए जाने के विरोध में मंगलवार (29 मार्च) को नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। बागी कांग्रेसियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का एक पैनल नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए पहुंचेगा। जिसमें जानेमाने वकील राकेश द्विवेदी और अय्यर समेत चार वकील शामिल हैं। कांग्रेस बागी विधायक सुबोध उनियाल ने पत्रकारों को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नौ विधायकों की सदस्यता रद्द किया जाना संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हमें न्यायालय से न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि गोविन्द सिंह कुंजवाल विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनकी कांग्रेस अगली रणनीति तय करेगी। बागी कांग्रेसी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना बिल्कुल सही है। और राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर की गई याचिका खारिज होने की उन्हें पूरी उम्मीद है। हरीश रावत की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि चोर-डकैत भी कोर्ट में याचिका दायर करने पहुंच जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश रावत का राज डकेतो, लुटेरों और माफियाओं का राज था। उससे केंद्र सरकार ने राज्य की सवा करोड़ जनता को मुक्ति दिलायी।