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भूपेश बघेल बोले- बदले की नहीं, बदलाव के लिए काम कर रही कांग्रेस सरकार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार बदले की नहीं, बदलाव के लिए काम कर रही है।

भूपेश बघेल बोले- बदले की नहीं, बदलाव के लिए काम कर रही कांग्रेस सरकार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार बदले की नहीं, बदलाव के लिए काम कर रही है। बघेल ने गुरूवार को विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के जीवन में रंग भरने का काम करेगी। हम बदले की नहीं बल्कि बदलाव की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या के निराकरण और शराबबंदी के मसले पर हमारी सरकार जनता को विश्वास में लेकर काम करेगी। नक्सल समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पीड़ित पक्षों से बात की जाएगी, जिनमें वहां के ग्रामीण, स्थानीय बुद्धिजीवी और पत्रकार आदि शामिल रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है, लेकिन उसे दूर करने के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा। चाहे नक्सल नीति हो या शराबबंदी की नीति, हम जनता को विश्वास में लिए बिना कोई कदम नहीं उठाएंगे। बघेल ने कहा कि जनता ने उन्हें पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया है। जनता से किए गए सभी वायदों को पूरा करेंगे। सरकार के गठन को अभी केवल 20-25 दिन हुए हैं, लेकिन इतने कम दिनों में भी राज्य सरकार ने देशवासियों से किए गए वायदों के अनुरूप कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और उन पर अमल भी शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 16 लाख 50 हजार किसानों के 6100 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। किसानों को धान पर प्रति ंिक्वटल 2500 रूपए कीमत देने के फैसले पर भी अमल किया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। शराबबंदी लागू करने के लिए नई कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया है। सरकार ने वनाधिकार मान्यता पत्रों के निरस्त हो चुके लगभग चार लाख आवेदनों की दोबारा जांच करने का भी निर्णय लिया है।

बघेल ने कहा कि राज्य में जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के कार्यों की फिर से समीक्षा की जाएगी। चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज तीन सौ से ज्यादा प्रकरणों को वापस लेने का भी निर्णय लिया गया है। निवेशकों का पैसा भी वापस दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बस्तर जिले के लोहाण्डीगुड़ा क्षेत्र में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए लगभग 1700 किसानों की 1764 हेक्टेयर (करीब 4400 एकड़) अधिग्रहित भूमि उन्हें वापस करने का आदेश भी जारी कर दिया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया है और हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।इससे पहले विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि मिथ्या आश्वासन के बल पर यह सरकार सत्ता में आई है। लोगों से बड़े बड़े वादे किए गए उन्हें सब्जबाग दिखाए गए हैं। लेकिन वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। कौशिक ने कहा कि राज्यपाल से मिथ्या कथन कहलावाया गया है। यह अभिभाषण निराशाजनक है। इससे सरकार की करनी और कथनी में अंतर नजर आ रहा है। जनता के मन में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य की बड़ी समस्या नक्सलवाद पर राज्य सरकार का रूख क्या है तथा वह किस दिशा में जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है। जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने इस समस्या को नियंत्रित कर लिया था। इस मामले में कारगर कदम उठाया जाना चाहिए। दोनों पक्षों की चर्चा के बाद सदन में धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधानसभा में दिनभर की कार्यवाही के बाद आज सदन की कार्यवाही आठ फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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First published on: 11-01-2019 at 10:35 IST
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