पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (6 मार्च, 2023) को कहा कि अगर प्रदर्शनकारी उनका सिर काट लें तो भी केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता (डीए) मुहैया नहीं करा पाएंगी। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा में कहा कि राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के कर्मचारियों के बराबर डीए नहीं मिल पाएगा क्योंकि सरकार के पास फंड नहीं है। बता दें कि भाजपा, कांग्रेस और लेफ्ट महंगाई भत्ते को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
विधानसभा में विस्तारित बजट सत्र में बोलते हुए बनर्जी ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला दिया और दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है। उन्होंने कहा, “आप (आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारी) कितना चाहते हैं? आपको कितने से संतुष्टी मिलेगी? कृपया मेरा सिर काट दें और फिर उम्मीद है कि आप संतुष्ट होंगे …यदि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं, तो मेरा सिर काट दें, लेकिन आप मुझसे और नहीं पाओगे।” संग्रामी जौथा मंच (संयुक्त संघर्ष मंच) सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न संगठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
15 फरवरी को राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को विधानसभा में 2023-24 का बजट पेश किया था। उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार मार्च से शिक्षकों और पेंशनभोगियों सहित अपने कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए का भुगतान करेगी। अब तक, राज्य मूल वेतन का 3 प्रतिशत डीए के रूप में दे रहा था और बजट घोषणा का मतलब था कि सरकार मार्च से शिक्षकों और पेंशनभोगियों सहित अपने कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए का भुगतान करेगी। बनर्जी ने अपने भाषण में लेफ्ट और भाजपा को निशाने पर लिया। दोनों पार्टियां राज्य सरकार के कर्मचारियों की केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए की मांग का समर्थन कर रही हैं।
ममता बनर्जी ने सवाल किया, “केंद्र सरकार और राज्य सरकार के वेतनमान अलग-अलग हैं। आज भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम एक साथ आ गए हैं। कौन सी सरकार वेतन के साथ इतनी छुट्टियां देती है?” ममता ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “मैंने सरकारी कर्मचारियों को 1.79 लाख करोड़ का डीए दिया है। हम कर्मचारियों को वेतन के साथ 40 दिनों की छुट्टी देते हैं। आप केंद्र सरकार से तुलना क्यों कर रहे हैं? हम चावल मुफ्त देते हैं लेकिन रसोई गैस की कीमत देखें? उन्होंने चुनाव के एक दिन बाद ही कीमतें बढ़ा दीं। इन लोगों को संतुष्ट होने के लिए और क्या चाहिए?”