हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में दिल का दौरा पड़ने से 13 वर्षीय नर चीते की मौत हो गई। चिड़ियाघर के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि चीता, सऊदी अरब के राजकुमार द्वारा उपहार में दिया गया था जिसकी मौत 24 मार्च को हुई। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विशेषज्ञों ने चीते का पोस्टमॉर्टम किया और बताया कि चीते की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। उन्होंने बताया कि जांच के लिए नमूने एकत्र कर लिए गए हैं और एक हफ्ते के अंदर आगे की रिपोट आ सकती है। अधिकारी ने बताया कि ‘अब्दुल्ला’ की मौत के बाद नेहरू जूलॉजिकल पार्क में अब कोई चीता नहीं बचा है।
एक दशक पहले सऊदी के राजकुमार बदर बिन सऊद बिन मोहम्मद अल सऊद ने उपहार में दो चीता दिए थे, जिनमें से आखिरी 13 वर्षीय चीता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। वेटरनरी बायोलॉजिकल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (VBRI) द्वारा पोस्ट-मॉर्टम टेस्ट में सामने आया कि दिल की गति रुकने से चीता की मौत हो गई।
उप निदेशक (पशु चिकित्सा) डॉ एमए हकीम ने बताया कि दोपहर में 3.30 से 4 बजे के बीच चीते की मौत हुई। उसने सुबह का खाना खाया था। डॉक्टर ने यह भी बताया कि अब्दुल्ला में ऐसे कोई लक्षण नजर नहीं आए, जिससे यह अंदाजा लग सके कि उसे कोई परेशानी है। जो पशुपालक उसे खाना देने गया था उसे अब्दुल्ला की सेहत में कुछ भी असामान्य नजर नहीं आया। अब्दुल्ला कोई रिस्पोंस नहीं दे रहा था, जिसके बाद उसकी जांच की गई और इसकी पुष्टि हुई कि उसकी मृत्यु हो गई है।
साल 2013 में, राजकुमार ने सऊदी अरब के राष्ट्रीय वन्यजीव अनुसंधान केंद्र से दो चीता और दो अफ्रीकी शेर उपहार में दिए थे। अक्टूबर 2012 में प्रिंस ने हैदराबाद में आयोजित CoP11 शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में दो शेर और चीते उपहार में देने की घोषणा की थी।
वहीं, अब्दुल्ला के साथी हिबा की साल 2020 में मृत्यु हो गई थी, उस वक्त वह आठ साल का था और तीन साल से बीमार था। तब से चिड़ियाघर में आखिरी चीता अब्दुल्ला अकेला था। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने कहा कि अब्दुल्ला का स्वास्थ्य अच्छा था और उसकी अचानक मौत से पूरा चिड़ियाघर सदमे में है।