सीबीआई ने किया घूसखोरी का केस: नंबर 2 अफसर को बनाया आरोपी
प्रतिक्रिया में अस्थाना ने सरकार को वर्मा के खिलाफ दी शिकायत में लिखा कि डायरेक्टर ने उनके (अस्थाना) काम-काज में बाधा डाली, जांच-पड़ताल में हस्तक्षेप किया और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने ही नंबर दो अफसर को घूसखोरी के मामले में आरोपी बनाया है। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना का नाम बीते हफ्ते इस मामले में सामने आने के बाद उनके खिलाफ सीबीआई ने मंगलवार (16 अक्टूबर) को केस दर्ज कराया। एफआईआर में अस्थाना के अलावा देश की इंटेलिजेंस एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के स्पेशल डायरेक्टर समंत कुमार गोयल का नाम भी शामिल है।
हालांकि, उन्हें इसमें आरोपी नहीं बताया गया। पर एफआईआर में अस्थाना मुख्यारोपी माने गए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर एक कारोबारी से घूस ली। खास बात है कि अस्थाना की अध्यक्षता वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ही मोइन कुरेशी भ्रष्टाचार मामले में उस कारोबारी को लेकर पूर्व में जांच कर चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, धारा 164 के अंतर्गत सीबीआई ने मजिस्ट्रेट के समक्ष कुछ टेलीफोन इंटरसेप्ट्स, वॉट्सऐप मैसेज, मनी ट्रेल और स्टेटमेंट पेश किए हैं। अस्थाना को जो टेक्स्ट मैसेज भेजे गए, उनका जवाब उनकी ओर से नहीं दिया गया था। सीबीआई ने इससे पहले 21 सितंबर को कहा था, “हमारी ओर से इस बारे में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सूचना दे दी गई है कि हम भ्रष्टाचार के छह मामलों में अस्थाना को लेकर जांच कर रहे हैं।”
सीबीआई ने इसके अलावा यह भी बताया कि अस्थाना, सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे थे और अधिकारियों को धमकाते थे कि वह वर्मा के खिलाफ सीवीसी में शिकायत भेज देंगे।
प्रतिक्रिया में अस्थाना ने सरकार को वर्मा के खिलाफ दी शिकायत में लिखा कि डायरेक्टर ने उनके (अस्थाना) काम-काज में बाधा डाली, जांच-पड़ताल में हस्तक्षेप किया और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया। आपको बता दें कि अस्थाना पर केस दर्ज करने से पहले सीबीआई ने दुबई के बिचौलिया मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया था, जिसे लेकर यहां हैदराबाद के कारोबारी सना सतीश ने शिकायत दी थी। सीबीआई की एसआईटी टीम उन्हीं को लेकर कुरेशी भ्रष्टाचार मामले में जांच कर चुकी है।
गौरतलब है कि कुरेशी के यहां फरवरी 2014 में आयकर विभाग ने छापा मारा था। अधिकारियों को तब उनके ब्लैकबेरी मेसेंजर (बीबीएम) मैसेजेस पर पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एपी सिंह के साथ चैट मिला था, जिसके बाद सिंह को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से बतौर सदस्य इस्तीफा देना पड़ गया था।