राजस्थान के सीकर जिले में शनिवार को राजू ठेहट (Raju Theth) नाम के एक गैंगस्टर की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। यह एक गिरोह युद्ध के दो केंद्रीय पात्रों में से एक का अंत था। एक ऐसा युद्ध जो 2000 के दशक के मध्य से शेखावाटी की भूमि पर भड़का था जिसमें राजनीति, जाति और कई घटनाएं शामिल हैं। 2017 में चूरू जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के मारे जाने के पांच साल बाद 40 वर्ष की उम्र में 30 से अधिक आपराधिक मामलों के आरोपी राजू ठेहट (Raju Theth) की हत्या हुई है। दोनों को एक दूसरे के खिलाफ देखा जाता था।
आनंदपाल और राजू राजू ठेहट
अपराध की छोटी दुनिया से निकले आनंदपाल और राजू ठेहट ने अवैध शराब के व्यापार और जबरन वसूली के बड़े पैमाने पर गिरोह चलाए। उनका नाम धीरे-धीरे शेखावटी में पहचाना जाने लगा। इनकी पहुंच सीकर, झुंझुनू और चुरू जैसे से लेकर नागौर जिले तक थी। आनंदपाल की जाति राजपूत थी राजू ठेहट जात जाति से आता था। दोनों ने अपने समुदायों के बीच कमान संभाली। कई युवाओं ने उन्हें रॉबिन हुड जैसी शख्सियत के रूप में माना। उनके इर्द-गिर्द बहुत ही अलंकृत मिथक यह था कि वह दोनों एक भ्रष्ट व्यवस्था में अन्याय के कारण अपराध करने के लिए मजबूर अच्छे लोग थे।
यह भी माना जाता था कि दोनों को उस राज्य में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है जहां जाति और समुदाय के संबंध गहरे हैं। जबकि पार्टियां हमेशा इससे इनकार करती रही हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राजस्थान के लाडनूं से विधायक और कांग्रेस नेता मुकेश भाकर जिन्हें सचिन पायलट के करीब माना जाता है। वह जाति से जात हैं। उन्होने इस घटना की निंदा करते हुए इसे प्रशासन की नाकामी बताया। उन्होने कहा कि यदि वह अपराधी था, तो यह कानूनी और न्याय प्रणाली द्वारा तय किया जाएगा। यह पुलिस और खुफिया तंत्र की पूरी तरह से नाकामी है और सीकर की कानून-व्यवस्था पर तमाचा है। वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक सांसद हनुमान बेनीवाल जिनका मुख्य रूप से जाट समर्थन आधार है। उन्होने भी सीकर में एक धरना दिया। सरकार द्वारा एसआईटी जांच और मुआवजे सहित कई मांगे रखी।
राजू ठेहट की थी 2023 में चुनाव लड़ने की तयारी
राजू ठेहट के नाम से बने फेसबुक पेज पर लगभग 60,000 फॉलोअर्स हैं। जिसमें कई सामाजिक कार्यक्रमों में गैंगस्टर के पोस्ट, कार्यक्रमों में रिबन काटते हुए दर्ज है। इन पोस्ट में उनका केंद्र दातारामगढ़ विधानसभा फोकस होती थी।
सूत्र बताते हैं राजू ठेहट कि इस सीट से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना थी। आनंदपाल की मुठभेड़ में मौत के बाद राजस्थान की भाजपा सरकार ने राजपूत समुदाय का गुस्सा देखा था ठीक इस ही तरह राजू ठेहट की हत्या के बाद जाट समुदाय कांग्रेस के खिलाफ लामबंद होता दिख रहा है।