Jallikattu : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के धर्मपुरी में आयोजित जल्लीकट्टू (Jallikattu) देखने आए एक 14 वर्षीय लड़के की एक सांड द्वारा कुचले जाने के बाद मौत हो गई। कार्यक्रम धर्मपुरी जिले के थाडांगम गांव में आयोजित किया गया था। 14 वर्षीय गोकुल अपने रिश्तेदारों के साथ जल्लीकट्टू देखने के लिए यहां पहुंचा था। इस दौरान एक बैल ने उसके पेट में वार कर दिया,जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। गोकुल को तुरंत धर्मपुरी सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
तमलिनाडु के धर्मपुरी इलाके में जल्लीकट्टू खेल के दौरान हुए इस हादसे को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। धर्मपुरी पुलिस ने कहा कि जांच शुरू कर दी गयी है और फुटेज की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गोकुल कैसे घायल हुआ था। गोकुल इस साल जल्लीकट्टू से संबंधित मरने वाला चौथा व्यक्ति है। इस कार्यक्रम में कुल 622 सांडों और 700 प्रतियोगियों ने भाग लिया था जिसका उद्घाटन तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने किया था।
जल्लीकट्टू क्या है?
जल्लीकट्टू तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है। जिसमें बैल को काबू में किया जाता है। यह खेल काफी सालों से तमिलनाडु में लोगों द्वारा खेला जाता है।यह पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है। इस खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है।
ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है। एक्सपर्ट मानते हैं कि जल्लीकट्टू तमिल शब्द सल्ली और कट्टू से मिलकर बना है। जिनका मतलब सोना-चांदी के सिक्के होता है जो कि सांड के सींग पर टंगे होते हैं। बाद में सल्ली की जगह जल्ली शब्द ने ले ली।
माना जाता है कि सिंधु सभ्यता के वक्त जो अय्यर और यादव लोग तमिल में रहते थे उनके लिए सांड पालना आम बात थी। बाद में यह साहस और बल दिखाने वाली बात बन गई। बाद में बैल को काबू करने वाले को इनाम और सम्मान दिया जाने लगा।