बुलंदशहर हिंसा में मारे गए आरोपी सुमित के परिजन को मुआवजा दिए जाने पर मेरठ जिले में सरधना सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक संगीत सोम ने कहा है कि दादरी में अखलाख के परिवार वालों को भी तो मुआवजा दिया गया था। पत्रकारों से यह बात उन्होंने मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान कही। हालांकि, बगैर किसी का नाम लिए वह यह भी बोले कि इस घटना में जो भी शख्स या संगठन शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बता दें कि तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी की अफवाह पर हिंसा भड़की थी। भीड़ द्वारा तोड़फोड़, आगजनी और फायरिंग के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। दूसरे मृतक की पहचान सुमित के रूप में हुई, जो कि स्थानीय था।पुलिस ने इस मामले में 27 लोगों के नाम एफआईआर में शामिल किए हैं, जिनमें सुमित का नाम भी शामिल है।
ताजा मामले में जब बीजेपी विधायक से उसी पर प्रश्न किया गया कि आखिर सुमित के परिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुआवजे का ऐलान क्यों किया? तो उनका जवाब आया- ऐसे सवाल पूर्व सीएम अखिलेश यादव से नहीं किए गए थे। उन्होंने दादरी के बिसहाड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 को गोकशी के शक पर हुई मॉब लिंचिंग में मारे गए 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाख के परिजन को मुआवजा दिया था।
बकौल सोम, “युवक (सुमित) के परिवार वालों को मुआवजा देने को लेकर आखिर बीजेपी सरकार पर विभाजनकारी नीति अपनाने का आरोप क्यों लग रहा है?” उन्होंने यह भी कहा कि इस हिंसा को दंगा नहीं कहा जा सकता है।
वहीं, मुख्यमंत्री के भगवान हनुमान को लेकर पूर्व में दिए गए बयान को लेकर उन्होंने सफाई दी। कहा कि लोगों ने सीएम के बयान का गलत मतलब निकाला, खासकर राजनेताओं ने। वह बोले, “कुछ राजनेताओं ने सीएम के बयान के चुनिंदा हिस्से के आधार पर बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी बता डाला।”