कुशीनगर में बौद्ध टूरिज्म को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ पीएम मोदी ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि भारत दुनिया भर के बौद्ध समुदाय की श्रद्धा, आस्था और प्रेरणा का केंद्र है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ये सुविधा एक प्रकार से उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है।
दरअसल कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए यह जगह अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है। हालांकि जिन बौद्धों और उससे जुड़े पर्यटन को लेकर इस एयरपोर्ट की योजना लाई गई है, वहां बौद्धों की संख्या काफी कम है। शायद बौद्धों को यहां रहना पसंद नहीं है। 2011 की जनगणना के अनुसार, कुशीनगर जिले की 35.64 लाख आबादी में से अधिकांश हिंदू (29.28 लाख), उसके बाद मुस्लिम (6.20 लाख), और ईसाई (5,006) थे। जिले की बौद्ध आबादी सिर्फ 4,619 थी।
यूपी के दस अन्य जिलों – खीरी, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर, बस्ती, मैनपुरी, जौनपुर, प्रतापगढ़, हरदोई और आजमगढ़ में कुशीनगर की तुलना में बौद्धों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा कुशीनगर उत्तर प्रदेश के सबसे गरीब जिलों में से एक है। उत्तर प्रदेश इकॉनोमी एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) के आंकड़ों के अनुसार आज के समय में कुशीनगर की प्रति व्यक्ति डीडीपी 41,250.15 है। जो यूपी और देश से काफी कम है।
प्रति व्यक्ति डीडीपी के अनुसार कुशीनगर 2019-20 में यूपी के 75 जिलों में 61 वें स्थान पर था। कृषि, वानिकी और मछली पालन का कुशीनगर के डीडीपी में लगभग 36.17 प्रतिशत का योगदान है, जबकि निर्माण क्षेत्र का योगदान सिर्फ 4.85 प्रतिशत है।
अगर हम राजनीति की बात करें तो यहां की ज्यादातर सीटों पर 2017 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। सात विधानसभा की सीटों में पांच बीजेपी के पास तो एक कांग्रेस और एक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास है।
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट बनने से किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा पशुपालक, दुकानदार, श्रमिक सभी इससे सीधे तौर पर लाभ पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुशीनगर का विकास, यूपी सरकार और केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है।
इस एयरपोर्ट से चीन, ताइवान, श्रीलंका, जापान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर और वियतनाम जैसे दक्षिण एशियाई देशों के लोग डायरेक्ट फ्लाइट ले सकेंगे। यह लखनऊ और वाराणसी के बाद यूपी का तीसरा एयरपोर्ट है, जहां से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने संचालित होंगी।