BPL Ration Card: गुजरात सरकार ने मंगलवार (21 मार्च, 2023) को विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की सूची में 1,359 परिवारों को जोड़ा गया है। सरकार ने विधान सभा में बताया कि 31 जनवरी, 2023 तक राज्य में 31.67 लाख से अधिक बीपीएल परिवार हैं। प्रश्नकाल के दौरान सरकार द्वारा पेश किए गए विभिन्न लिखित उत्तरों में यह कहा गया कि 2021 और 2022 में 11 परिवारों को बीपीएल सूची से हटा दिया गया था।
2022 में 116 बीपीएल परिवारों को जोड़ा गया
राज्य के अमरेली जिले में नए बीपीएल परिवारों की सबसे अधिक संख्या (425) दर्ज की गई। साल 2021 में अमरेली में 309 परिवारों को बीपीएल सूची में जोड़ा गया, जबकि 2022 में 116 परिवारों को जोड़ा गया और तीन परिवारों को सूची से हटा दिया गया था। इसके अलावा साबरकांठा (301), बनासकांठा (199), आनंद (168) और जूनागढ़ (149) को बीपीएल परिवारों की सूची में शामिल किया गया। वहीं सूरत, वडोदरा, छोटा उदेपुर, बोटाड और नर्मदा उन 29 जिलों में शामिल हैं, जहां कोई नया बीपीएल परिवार नहीं है। राज्य विधानसभा में दिए गए डेटा के मुताबित, जिलों में बनासकांठा में 2.37 लाख बीपीएल परिवार हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं, जबकि दाहोद 2.25 लाख परिवारों के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत में गरीबी रेखा ग्रामीण क्षेत्रों में 27.2 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 33.3 रुपये के दैनिक खर्च पर तय की गई है।
मार्च 2018 में राज्य में कुल 31.46 लाख थे बीपीएल परिवार
पिछले साल मार्च में गुजरात सरकार ने विधानसभा को सूचित किया था कि पिछले साल बीपीएल परिवारों की संख्या में 2,556 की वृद्धि हुई, जो 31 अगस्त, 2021 तक कुल 31.56 लाख हो गई। राज्य के जीएसडीपी और तेजी से औद्योगीकरण में वृद्धि के बावजूद भी राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। मार्च 2018 में राज्य में 31.46 लाख बीपीएल परिवार थे, जो अगस्त 2021 तक बढ़कर 31.56 लाख हो गए।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, राज्य में एक परिवार (पांच व्यक्तियों से मिलकर) बीपीएल कार्ड पाने के लिए पात्र है, यदि परिवार की प्रति व्यक्ति मासिक आय शहरी क्षेत्रों में 501 रुपये से कम है और ग्रामीण क्षेत्रों में 324 रुपये से कम है। बीपीएल राशन कार्ड को पाने के लिए एक कृषि मजदूर या एक एकड़ से कम भूमि वाले परिवारों पर भी विचार किया जा सकता है।
राज्य में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बाद भी बीपीएल परिवारों की संख्या में बढ़ी
बीपीएल परिवारों की गणना के लिए लगभग 16 सामाजिक और आर्थिक संकेतक सर्वेक्षण मापदंडों के रूप में लिए गए हैं। इसमें आवास का प्रकार, कपड़ों की औसत उपलब्धता, खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता, आजीविका के साधन, ऋणग्रस्तता का प्रकार, प्रवास का कारण, घरेलू श्रम शक्ति की स्थिति और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का स्वामित्व शामिल है। गुजरात में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बावजूद बीपीएल परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है।नवीनतम सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, गुजरात में प्रति व्यक्ति आय पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 में 8.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।