नेताजी भवन में था PM का प्रोग्राम, पर पहले ही बगैर किसी प्लान के पहुंचीं CM ममता, कहा- नहीं समझ आता ‘पराक्रम’ शब्द
मोदी ने इस दौरान कहा- आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। एक लाख से ज़्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।

स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर शनिवार को बंगाल में सियासत एकदम से तेज हो गई। ऐसा इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी बिना किसी पूर्व नियोजित प्लान के नेताजी भवन (यहीं बोस का जन्म हुआ था और इसी भवन से कभी अंग्रेजों को चकमा देकर रवाना हो गए थे) पहुंचीं। उन्होंने वहां नेताजी के प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। फिर कुछ देर रुकीं और फिर एक छोटा सा संबोधन दिया।
सूत्रों के हवाले से कुछ टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि दीदी ने इस दौरान केंद्र पर हमला बोला। पूछा, “मोदी सरकार ने इसे परामक्रम दिवस क्यों नाम दिया?” यह भी सवाल उठाया कि जिस योजना आयोग को नाम नेता जी ने दिया था, उसका भी नाम क्यों बदल (अब नीति आयोग है) दिया गया? दीदी यहां पर भाषण के बाद वहां से रवाना हो गईं। उन्होंने उसके बाद कोलकाता के श्याम बाजार से रेड रोड तक मार्च निकाला। यह रोड शो करीब आठ किमी लंबा रहा।
मार्च की शुरुआत से पहले उन्होंने कहा- मुझे पराक्रम शब्द समझ नहीं आता है। मुझे उनका (नेताजी) देश प्रेम, विचारधारा, जज्बात…समझ आते हैं। हमने इसे देशनायक दिवस क्यों घोषिक किया? इसलिए, क्योंकि रबींद्रनाथ टैगोर ने यह टाइटल दिया था…इसलिए क्योंकि नेता जी ने टैगोर के एंथम को पहचान दिलाई थी।
#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee leads a march from Shyam Bazaar to Red Road in Kolkata, on the occasion of 125th birth anniversary of #NetajiSubhashChandraBose pic.twitter.com/s9VpoUqPSa
— ANI (@ANI) January 23, 2021
रोचक बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस स्थल पर आज ही दौरा प्रस्तावित है। मिशन असम के बाद बंगाल पहुंचेंगे। उन्होंने इससे पहले पूर्वोत्तर राज्य के शिवसागर जिले पहुंचकर एक लाख से भी अधिक निवासियों को भूमि पट्टे की सौगात दी। मोदी ने इस दौरान कहा- आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। एक लाख से ज़्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।
बकौल पीएम, “आज पराक्रम दिवस पर पूरे देश मे अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही, हमारे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है।” बता दें कि केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है, जबकि ममता सरकार ने देश नायक दिवस माना है।
Addressing a public meeting in Sivasagar in Assam. https://t.co/xKH3iwYOLf
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2021
दरअसल, नेता जी को पश्चिम बंगाल में बड़ा यूथ आइकन माना जाता है। उनका नाम आज भी करिश्माई नेताओं की सूची में गिना जाता है। चूंकि, आने वाले समय में बंगाल में विस चुनाव हैं। ऐसे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो भाजपा और टीएमसी दोनों ही नेता जी की विरासत, कार्यशैली और उनकी लाइन (विचारधारा) के करीब खुद को दिखाने की होड़ में लगी हैं।