कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा जल्दबाज़ी में नहीं दिखाई दे रही है। पार्टी का ध्यान संभावित उम्मीदवारों की सूची आने से पहले नेतृत्व द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा करने पर है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में तीन अलग-अलग सर्वेक्षण करने के बाद भाजपा आम कार्यकर्ताओं और कोर कमेटी की राय इकट्ठा करने के बाद अपनी लिस्ट का ऐलान करेगी।
अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 मार्च को राज्य के अपने अंतिम दौरे के दौरान कर्नाटक में पार्टी नेतृत्व की एक कोर कमेटी की बैठक में भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में अमित शाह ने कहा कि नेताओं को टिकट को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए उन्हें जमीन पर ध्यान देकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए।
पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य और कर्नाटक के पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा ने कहा “आखिरकार आलाकमान ही है जो हर सीट के लिए उम्मीदवारों पर फैसला करेगा। वे पृष्ठभूमि और उम्मीदवारों पर प्रतिक्रिया देखेंगे। सर्वेक्षण के तीन दौर पहले ही पूरे हो चुके हैं”
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सर्वेक्षण, प्रदर्शन की समीक्षा और नेतृत्व द्वारा निर्धारित अन्य दिशानिर्देशों सहित सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा “जल्द ही भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी। पार्टी के पास तालुक और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं और नेताओं की सिफारिशों और सुझावों के साथ-साथ सर्वेक्षण रिपोर्ट भी हैं। पूरा विवरण पार्टी संसदीय बोर्ड को इसकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और इसमें एक सप्ताह लग सकता है।
25 मार्च को कांग्रेस के 124 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने से पहले, बोम्मई ने कहा था, “बीजेपी उम्मीदवारों की सूची पार्टी द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार घोषित की जाएगी।”
पिछले साल भाजपा ने संकेत दिया था कि येदियुरप्पा जैसे 70 वर्ष से अधिक उम्र के क 30 प्रतिशत मौजूदा विधायक और जिनके खिलाफ मामले चल रहे हैं उन्हें इस बार मैदान में नहीं उतारा जाएगा।