हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल डलहौजी का नाम बदलने को लेकर एक बार फिर चर्चा गरम है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे लेकर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र भी लिखा था। अब उन्होंने हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा है कि लगता है वह कांग्रेस से ही चिपके रहेंगे।
एक ट्वीट में स्वामी ने लिखा, ‘ये सभी हिंदू संगठनों, भाजपा कार्यकर्ताओं और वीएचपी, आरएसएस के लिए भी बहुत आश्चर्य की बात है हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि पूर्व सीएम शांता कुमार की बातों का सम्मान नहीं किया जाएगा। उन्होंने डलहौजी का नाम बदलकर नेताजी सुभाष नगर करने का विचार किया था। वो कांग्रेस का ही साथ देंगे।’
स्वामी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा था कि 1992 में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की थी। बाद में कांग्रेस सरकार ने उस आदेश को पलट दिया। भाजपा सांसद ने राज्यपाल से कहा है कि वह 1992 की उस अधिसूचना को लागू करवाएं और डलहौजी का नाम बदलकर नेताजी सुभाष के नाम पर कर दें।
दरअसल अंग्रेजी शासनकाल के दौरान 1854 में इस शहर को बसाया गया था। उस समय के वायसराय डलहौजी के नाम पर इसका नाम रख दिया गया। हालांकि वह कभी डलहौजी नहीं आए। 1863 में यहां चर्च सेंट का निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि 1873 में रवींद्रनाथ टैगोर भी डलहौजी आए थे और उन्हें गीतांजलि लिखने की प्रेरणा यहीं से मिली थी।
1959 में तिब्बती शरणार्थियों को भी डलहौजी में भी बसाया गया। दलाई लामा भी कई बार डलहौजी का दौरा कर चुके हैं। बर्फबारी और सुहाने मौसम का आनंद लेने दुनियाभर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
नेताजी के नाम पर इस खूबसूरत शहर का नाम रखने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि साल 1973 में वह यहां आए थे। हालांकि डलहौजी के स्थानीय लोग और पर्यटन व्यवसायी नहीं चाहते कि इस जगह का नाम बदला जाए।