चिराग पासवान ने तो अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया है लेकिन बंगले पर विवाद अभी भी जारी है। बंगला छोड़ने के बाद पहली बार चिराग पासवान पटना पहुंचे थे जहां पर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके खिलाफ साजिश की गई। बंगला खाली कराए जाने का दर्द उनके चेहरे पर साफ दिखा और उन्होंने यहां तक कह दिया कि उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया गया। चिराग पासवान ने यह भी कहा कि एक बड़े मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनसे बंगला खाली नहीं कराया जाएगा, लेकिन उसके बावजूद उन्हें अपमानित किया गया।
चिराग पासवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, “जिस तरह से घर खाली किया गया उससे मैं दुखी हूं। मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे हमेशा के लिए 12 जनपथ चाहिए। मेरा परिवार कानून का सम्मान करता है। हम घर खाली करने के लिए तैयार थे लेकिन हमें इस तरह क्यों अपमानित किया गया? बिहार के लोग ये सब देख रहे हैं।”
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि, “रामविलास पासवान (लोजपा के दिवंगत संस्थापक) अंत तक भाजपा के साथ खड़े रहे। चिराग पासवान ने कहा कि वह ‘हनुमान’ हैं लेकिन ‘हनुमान’ के घर में आग लगा दी गई। ये बीजेपी के समर्थन का नतीजा है।”
जब चिराग पासवान का घर खाली कराया जा रहा था तो उनके कुछ सामान बाहर बिखरे पड़े हुए थे। इस दौरान वहां पर एक अंबेडकर की मूर्ति भी थी जिसको लेकर तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “ताउम्र वंचितों के हितैषी और पैरोकार रहे स्व० श्री रामविलास पासवान जी का दिल्ली आवास खाली कराने गयी केंद्र सरकार की टीम ने भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति व पद्म भूषण पासवान जी की तस्वीर को अपमानजनक तरीके से सड़क पर फेंक संविधान व दलित वर्ग का अपमान करने का कुकृत्य किया है।”
बता दें कि रामविलास पासवान को दिल्ली में 12 जनपथ सरकारी आवास मिला था। रामविलास पासवान इस आवास में पिछले 32 वर्षों से रह रहे थे। रामविलास पासवान केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री थी और इसी वजह से उनको बड़ा आवास दिया गया था। लेकिन डेढ़ साल पहले उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनका परिवार इस आवास में रह रहा था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने चिराग पासवान से इस बंगले को खाली करवा लिया है।