बिहार: पोस्टमार्टम के लिए कचरा गाड़ी में उठा कर ले जाया गया महिला का शव
दो सप्ताह से अधिक समय तक बीमारी से जूझने के बाद गत बुधवार को एसकेएमसीएच अस्पताल के अंदर एक पार्क के नजदीक इस महिला ने दम तोड़ दिया था।

बिहार के मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए एक महिला का शव कचरा गाड़ी से ले जाने के मामले में अदालत ने हॉस्पिटल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई है। जिला मजिस्ट्रेट ने बुजुर्ग महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए कचरा उठाने वाले ठेले से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) तक ले जाने के मामले की जांच के आदेश दिये हैं।जिला मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र सिंह ने आज (2 जून) बताया, ‘‘हमने दुर्भाग्यपूर्ण घटना, एक गरीब महिला का शव एक कचरा गाड़ी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच तक लाये जाने, की जांच का आदेश दिया है। लापरवाही बरतने के लिए दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ सिविल सर्जन ललिता सिंह ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच के पास शवों को ले जाने वाले कई वाहन हैं और गरीब महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए लाये जाने के लिए इसकी सेवा ली जा सकती थी।दो सप्ताह से अधिक समय तक बीमारी से जूझने के बाद गत बुधवार को एसकेएमसीएच अस्पताल के अंदर एक पार्क के नजदीक इस महिला ने दम तोड़ दिया था। महिला की मौत के बाद अस्पताल के दो कर्मचारी कचरा उठाने वाली एक गाड़ी में शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गये।
Bihar: Abandoned body of a woman carried in a garbage cart for post-mortem in Muzaffarpur's Sri Krishna Medical College and Hospital. pic.twitter.com/2VTaCr6aAm
— ANI (@ANI_news) June 2, 2017
बता दें कि बिहार के इस सरकारी अस्पताल में कुव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। इससे पहले इसी साल फरवरी में भी एसकेएमसीएच अस्पताल में ऐसी ही एक घटना हुई थी। तब सुरेश मंडल नाम के मजदूर की मौत इस अस्पताल में हो गई थी। इस मजदूर का परिवार इतना लाचार था कि शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस के पैसे भी नहीं दे सका। परिवार ने अस्पताल प्रशासन से कई बार मिन्नतें की और महज एक किलोमीटर की दूरी के एंबुलेंस की सुविधा मांग की। लेकिन अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। मजबूर इस परिवार के सदस्यों ने सुरेश मंडल की लाश को अपने कंधों पर लादकर घर ले जाना पड़ा।
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