राम को भगवान ना मानने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) एक बार फिर चर्चाओं में हैं। शनिवार (16 अप्रैल) को हनुमान जयंती के दिन वे गरीब चेतना सम्मेलन के दौरान हाथ में गदा लिए नजर आए। आज ही उन्होंने पार्टी के नए अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा कर दी है। मांझी ने इस पद के लिए अपने बेटे संतोष कुमार सुमन के नाम का ऐलान किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि चार महीने पहले दिल्ली में एक बैठक दौरान यह तय किया गया था कि संतोष कुमार सुमन ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष होंगे।
भगवान राम को लेकर दिया था विवादित बयान
इससे पहले शुक्रवार (15 अप्रैल) को मांझी ने कहा था कि वे भगवान राम को नहीं मानते हैं और उनके लिए मर्यादा पुरषोत्तम एक काल्पनिक पात्र हैं। हालांकि खुद को माता सबरी का वंशज बताया था। उन्होंने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए ये बातें कही थीं।
मांझी ने कहा कि राम भगवान नहीं थे, बल्कि तुलसीदास और वाल्मीकि द्वारा अपने विचार व्यक्त करने के लिए बनाए गए एक पात्र थे। उन्होंने बिहार के जमुई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “मैं लोगों से कहना चाहता हूं, मैं राम में विश्वास नहीं करता। राम भगवान नहीं थे। तुलसीदास-वाल्मीकि ने इस चरित्र को यह कहने के लिए बनाया है कि उन्हें क्या करना है।” मांझी ने कहा, “उन्होंने इस किरदार से ‘काव्य’ और ‘महाकाव्य’ की रचना की। इसमें बहुत सारी अच्छी बातें बताई गई हैं और मैं इसका सम्मान करता हूं।”
बयान को लेकर बीजेपी ने मांझी को लिया निशाने पर
भगवान राम को लेकर मांझी के बयान पर बीजेपी ने उनको आड़े हाथों लिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने टिप्पणी करते हुए कहा, “खुद को सबरी के वंशज बताने वाले उन्हीं के आराध्य के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। यह देख कर हंसी आती है।”