Bihar Board Matric Result 2018: परीक्षा परिणाम घोषित होने से ठीक पहले गायब हुईं 42 हजार कॉपियां, मचा हड़कंप
BSEB, Bihar Board 10th Result 2018 Date and Time: बिहार बोर्ड ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के नतीजे बोर्ड ने 20 जून को घोषित करने का ऐलान किया था। लेकिन नतीजे जारी होने से एक दिन पहले ही लगभग 42 हजार कॉपियां गायब हो गई हैं। अब नेताओं से लेकर अधिकारियों तक हड़कंप मचा हुआ है।

Bihar Board BSEB 10th Result 2018: बिहार बोर्ड और विवादों का नाता नया नहीं है। लगातार दो साल तक टॉपर घोटाले के आरोपों से परेशान रहने के बाद बिहार बोर्ड के सामने नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। बिहार बोर्ड ने 10वीं कक्षा के परिणाम 20 जून को घोषित करने का ऐलान किया था, लेकिन नतीजे जारी होने से एक दिन पहले ही लगभग 42 हजार कॉपियां गायब हो गई हैं। नेताओं से लेकर अधिकारियों तक में हड़कंप मचा हुआ है। ये कॉपियां बिहार के नवादा जिले से जांच के लिए गोपालगंज भेजी गईं थीं। इसके बाद से इन कॉपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
ऐसे फूटा गड़बड़ी का भांडा: सूत्रों ने बताया कि अंतिम समय तक बोर्ड के अधिकारियों को कॉपियां गायब होने का सुराग नहीं मिला, लेकिन कहावत पुरानी है कि दूध का जला छांछ फूंककर पीता है। इसी तर्ज पर दो बार टॉपर घोटाले में फजीहत करवा चुके बिहार बोर्ड ने 12 टॉपर छात्रों की कॉपियां दोबारा जांच के लिए मंगवाईं। जब स्ट्रांग रूम में कॉपियों की तलाश की गई तब पूरे गोलमाल का पता चला। अब इस खबर से परीक्षा विभाग सदमे में है। डीएम के आदेश पर कॉपियां गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।

अब क्या करेगा बोर्ड : रिजल्ट से ठीक एक दिन पहले कॉपियां गायब होना कई सवाल खड़े कर रहा है। कॉपियां नहीं हैं तो रिजल्ट कैसे जारी होगा? अगर किसी परीक्षार्थी ने अपने रिजल्ट को चैलेंज किया तो बोर्ड उसकी चुनौती का सामना कैसे करेगा? बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसर माने जाते हैं। आनंद किशोर दो दिन पहले मीडिया के सामने आए थे। उन्होंने भरोसा दिलवाया था कि इस बार 10वीं कक्षा के नतीजे साफ-सुथरे होंगे, उनके 12वीं के नतीजों की तरह गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन मामला सामने होने के बाद आनंद किशोर मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं।
पहले भी रहे हैं विवाद: बिहार बोर्ड ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन 21 से 28 फरवरी तक करवाया था। जबकि प्रयोगात्मक परीक्षाएं 22 जनवरी से 24 जनवरी के बीच करवाईं गईं थीं। बिहार बोर्ड में 10वीं की परीक्षा 17.70 लाख छात्रों ने दी है। परीक्षा के लिए 1,426 केंद्र बनाए गए थे। बोर्ड ने 6 जून को 12वीं कक्षा के नतीजे जारी किए थे। इस परीक्षा में 52.95 फीसदी छात्र पास हो सके थे। बीते दो सालों से बिहार बोर्ड के टॉपर फर्जी साबित होते रहे हैं। इसीलिए बिहार बोर्ड के नतीजों पर पूरे देश की निगाह थी। हालांकि इस बार भी 12वीं के टॉपर की उपस्थिति को लेकर विवाद हुआ था।
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