Bihar Politics: जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU leader Upendra Kushwaha) के भाजपा के करीब आने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने शनिवार (21 जनवरी, 2023) को कहा कि वो पार्टी में आते-जाते रहे हैं। पता नहीं उनके मन में क्या है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि कृपया उपेंद्र कुशवाहा जी को मुझसे बात करने के लिए कहें। वह हमें बहुत पहले छोड़कर चले गए हैं, मुझे नहीं पता कि वह क्या चाहते हैं। मैं पटना में नहीं था इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है। वह वर्तमान में अस्वस्थ हैं, मैं उनसे मिलूंगा और इस पर चर्चा करूंगा।
शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने दिल्ली एम्स में कुशवाहा से की थी मुलाकात
बिहार बीजेपी (Bihar BJP) प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल, बिहार बीजेपी के पूर्व विधायक संजय टाइगर और बीजेपी नेता योगेंद्र पासवान ने दिल्ली एम्स में जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) से शुक्रवार को मुलाकात की। कुशवाहा रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती हैं, लेकिन बीजेपी के नेताओं की उनसे मुलाकात ने बिहार की सियासत को एक नई हवा दे दी है। जेडीयू में अपनी अनदेखी से कुशवाहा इन दिनों नाराज चल रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी आरएलएसपी (RLSP) का जेडीयू (JDU) में विलय किया था। इसके बाद नीतीश ने उनको जेडीयू संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष और एमएलसी बनाया था, लेकिन एनडीए सरकार या महागठबंधन सरकार में कुशवाहा मंत्री नहीं बन पाए। उनकी डिप्टी सीएम बनने की भी चर्चा थी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।
वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि कुशवाहा खुद नया ठिकाना तलाश रहे हैं। जेडीयू में हो रही अनदेखी पर वह बोल भी चुके हैं कि न मैं संन्यासी हूं न कोई मठ में बैठा हुआ हूं। कब तक पवेलियन में बैठा रहूंगा। कुशवाहा के इन बयानों से साफ है कि वो कुछ बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
साल 2010 में नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा
उपेंद्र कुशवाहा बिहार सीएम नीतीश कुमार के पुराने साथी हैं। साल 2000 में नीतीश कुमार ने कुशवाहा को विपक्ष का नेता नियुक्त किया था। उस वक्त नीतीश कुमार की समता पार्टी थी। साल 2005 में उपेंद्र कुशवाह ने नीतीश कुमार से नाता तोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए। इसके बाद साल 2010 में उन्होंने जेडीयू में वापसी की और नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा भेजा था।