बिहार की विचित्र लीला है। यहां लोग छोटा-मोटा सामान नहीं, नदी के ऊपर बने लोहे का पूरा पुल ही काट ले जा रहे हैं। चोरी करने वाले पूरी तैयारी के साथ आ रहे हैं और गैस कटर से पुल काट ले जा रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि पुलिस-प्रशासन, ठेकेदार, इंजीनियर कोई भी चोरों को पकड़ नहीं पा रहा है। एक के बाद एक नई घटना हो जा रही है और किसी को भनक नहीं लग रही है।
बांका के चानन प्रखंड स्थित कांवरिया बेली ब्रिज पुल (झाझा बांध के पास) 14 साल पुराने लोहे के पुल का 40% हिस्सा चोर काटकर उठा ले गए। हालत यह है कि पुल के साइड और फुटपाथ का ज्यादातर हिस्सा गायब है। इस कारण अब उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। हद तो यह है कि यह काम पिछले तीन महीने से लगातार हो रहा है, लेकिन किसी को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी।
कांवड़िया पथ के झाझा और पटनिया को जोड़ने वाले इस पुल का उद्घाटन 2008 में हुआ था। बाढ़ की स्थिति में श्रद्धालुओं को देवघर जाने के लिए इसी रास्ते से गुजरना पड़ता था। कावड़ियों को एक बड़े पोखर से गुजरना पड़ता था। पोखर के जलस्तर में वृद्धि होने से कई बार बड़े हादसे होते थे। करीब 10 साल से यहां पुल निर्माण की बात चल रही थी। इसके बाद कांवड़ियों की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी ने बेली ब्रिज के तौर पर इसका निर्माण कराया था।
अब जब वीडियो वायरल हुआ तो इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई। सबसे बड़ी बात यह है कि सावन में कांवडियों के आवागमन और बाढ़ से बचने में यह पुल बहुत काम आता था, लेकिन चोरों ने पुल की हालत ऐसी कर दी है कि अब यह पैदल चलने लायक भी नहीं रह गया है। पूरा पुल किश्तों में चोर काट ले जा रहे हैं, महंगे लोहे को बेचकर मालामाल हो रहे हैं, लेकिन न तो ग्रामीणों को और न ही स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी मिल सकी। अब वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन जागा तो जांच पड़ताल शुरू कर दी है। इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।