बिहार चुनाव: यहां चूहा भी बांध तोड़ देता और शराब पी जाता है, स्ट्रॉंग रूम में चूहा भी ना घुसने पाए- राजद ने कार्यकर्ताओं को किया अलर्ट
सुनील सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य के चूहे भी बहुत खतरनाक होते हैं, जिनके ऊपर तटबंधों को तोड़ने से लेकर थाना में शराब पीने का आऱोप भी लग चुका है।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार यानी 10 नवंबर को घोषित किये जाएंगे। चुनाव नतीजे घोषित किये जाने से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेताया है कि वो स्ट्रॉंग रूम के पास डटे रहें। राजद के कोषाध्यक्ष और एमएलसी सुनील सिंह ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं से कहा है कि एग्जिट पोल के मद्देनजर सरकार के कुछ भ्रष्ट पदाधिकारी स्ट्रॉंग रूम में रखे ईवीएम में फेरबदल करने की कोशिश कर सकते हैं। सुनील सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य के चूहे भी बहुत खतरनाक होते हैं, जिनके ऊपर तटबंधों को तोड़ने से लेकर थाना में शराब पीने का आऱोप भी लग चुका है। इसलिए पार्टी के तमाम कार्यकर्ता ख्याल रखें की स्ट्रॉंग रूम में आदमी तो क्या चूहा भी ना घुसने पाए।
आपको बता दें कि चुनाव नतीजों से पहले विभिन्न न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। जिसके मद्देनजर राजद-काग्रेस समेत महागठबंधन में शामिल कुछ अन्य राजनीतिक दलों को डर है कि काउंटिंग के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ ना हो और वोटों की चोरी ना हो इसी लिए राजद ने अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है।
इधर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी इन संभावनाओं को देखते हुए अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी आलाकमान ने चुनाव प्रबंधन के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, बिहार प्रभारी सचिव वीरेन्द्र राठौर को फिर बिहार भेज दिया है। अब छानबीन कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, कर्नाटक के सांसद और पार्टी नेता नासिर हुसैन, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राजस्थान के गृह मंत्री राजेंद्र यादव और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को भी पटना भेज दिया गया है।
आपको बता दें कि इधर चुनाव आयोग ने भी मतगणना के लिए पूरी तैयारी कर ली है। निर्वाचन आयोग ने सीसीटीवी से निगरानी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सहित व्यापक इंतजाम किए हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि स्ट्रांग रूम में ईवीएम कड़ी सुरक्षा में रखी हैं। 10 नवंबर को वोटों की गिनती के लिए राज्यभर में बनाए गए कुल 55 मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 55 मतगणना केंद्रों के भीतरी हिस्से में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की गई है, जबकि बिहार सैन्य पुलिस बल को मध्य पंक्ति की सुरक्षा में लगाया गया है और जिला सशस्त्र पुलिस बाहरी पंक्ति में तैनात है।
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