AAP Government in Punjab: साल 2022 आम आदमी पार्टी (Aap Aadmi Party) के लिए चुनावी जीतों को लेकर काफी अच्छा रहा। इस दौरान पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) में दमदार जीत हासिल की और राज्य की 117 सीटों में से 92 सीटों पर कब्जा किया। हालांकि पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के बाद अब भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं।
Punjab AAP-चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती:
दरअसल आप ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बड़े लोक-लुभावन वादे किए। जिसे पूरा करने की चुनौती आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने हैं। हालांकि राज्य में प्रत्येक घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा इस सरकार ने पहले ही पूरा कर लिया है।
नए साल में होंगी ये चुनौतियां:
नए साल में भगवंत मान सरकार के सामने पंजाब में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की प्रत्येक महिला को प्रति माह 1,000 रुपये देने के लिए फंड की आवश्यकता होगी। वो भी तब जब राज्य की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। बता दें कि मान सरकार अपने अभी तक के नौ महीनों के शासन में पहले ही तीस हजार करोड़ रुपये उधार ले चुकी है। इस बीच अगर आप अपने इस चुनावी वादे को पूरा करती है तो सरकारी खजाने पर और भार पड़ेगा। जिसमें प्रति वर्ष 12,000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारी शामिल होगी।
इसके अलावा पंजाब में हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे में राज्य का बिजली सब्सिडी बिल सालाना 20,000 करोड़ रुपये के पार होगा। इसके साथ ही भगवंत मान सरकार के सामने महंगी रेत का भी मुद्दा है। बता दें कि सत्ता में आने के नौ महीने के बाद भी राज्य सरकार रेत की कीमतों के मामले में कोई उचित नीति बनाने में सक्षम नहीं है। पंजाब में अभी भी रेत 40-55 रुपये प्रति क्यूबिक फीट बेची जा रही है।
वहीं दिल्ली मॉडल को पंजाब में लागू करने का भी दबाव मान सरकार पर है। दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान आप ने पंजाब में दिल्ली के शिक्षा मॉडल और मोहल्ला क्लीनिक की को लागू करने की बात कही थी। कृषि के मोर्चे पर भी आप सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें फसलों और उसकी कीमतों से संबंधित चुनौतियां शामिल हैं।