RSS West Bengal Unit: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की पश्चिम बंगाल इकाई ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस कभी भी आरएसएस के आलोचक नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि नेताजी आरएसएस के आलोचक थे। उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा।
पश्चिम बंगाल के 5 दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं संघ प्रमुख मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए पश्चिम बंगाल के पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। उनके आगमन से दो दिन पहले, संगठन की पश्चिम बंगाल इकाई ने मंगलवार (17 जनवरी, 2023) को दावा किया कि नेताजी ने कभी नहीं कहा कि उनको संघ की विचारधारा के साथ कोई दिक्कत है। भागवत कोलकाता में शहीद मीनार में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में आरएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे और गुरुवार (19 जनवरी) से शुरू होने वाली अपनी यात्रा के दौरान 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाएंगे।
संघ की राज्य इकाई ने कहा- हम हर साल नेताजी की जयंती मनाते हैं
आरएसएस के दक्षिण बंगाल चैप्टर के प्रचार प्रमुख बिप्लब रॉय ने कहा, “हम हर साल नेताजी की जयंती मनाते हैं। इस साल आरएसएस प्रमुख यहां आ रहे हैं और इसलिए उसी के अनुसार चीजों की योजना बनाई गई है। पिछले साल वह 15 जनवरी को यहां आए थे और मकर संक्रांति बड़े पैमाने पर मनाई गई थी।”
उन्होंने दावा किया कि आरएसएस पिछले कुछ सालों में बंगाल में तेजी से फैला है। इस समय राज्य में संघ की 2,500 शाखाओं का संचालन किया जा रहा है, जबकि साल 2014 में 722 शाखाएं थीं। उन्होंने कहा, “हमने राज्य में 10,000 ड्रेस का ऑर्डर भेजा है।”
संघ प्रमुख की यात्रा पर टीएमसी का हमला
बंगाल में पंचायत चुनावों से पहले मोहन भागवत की राज्य में यात्रा ने राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने संघ द्वारा नेताजी की जयंती मनाने को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़ा है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख की यात्रा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह आरएसएस और भाजपा का 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय आइकन को हथियाने का प्रयास है।