अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। रामलला और जानकी की मूर्ति बनाने के लिए शालिग्राम शिलाएं (Shaligram Stones) नेपाल से अयोध्या पहुंच चुकी हैं। गुरुवार को इन शिलाओं के अयोध्या पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। इन शिलाओं का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाएगा। इसके नतीजे आने के बाद ही शिलाओं से मूर्ति निर्माण का काम शुरू किया जाएगा।
कर्नाटक और ओडिशा से भी मंगाई जा रहीं शिलाएं
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक दो ट्रकों में इन शिलाओं को नेपाल से अयोध्या लाया गया है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि रामलला की प्रतिमा इन्हीं शिलाओं से बनाई जाएगी। मूर्ति निर्माण के विशेषज्ञ पहले इन शिलाओं की परीक्षण करेंगे। मान्यता है कि शालिग्राम शिलाओं के पूजन से घर में शांति आती है। ट्रस्ट की प्राथमिकता नेपाल से मंगाई गई शालिग्राम शिलाओं से ही रामलला की मूर्ति बनाने की है लेकिन अंतिम फैसला शिलाओं के परीक्षण के बाद ही लिया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से ओडिशा और कर्नाटक से भी शिलाएं मंगाई गई हैं। इनका भी परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में करीब 2 महीने का समय लग सकता है।
परीक्षण से क्या होगा तय
इन शिलाओं के परीक्षण से यह तय किया जाएगा किस मूर्तियों के निर्माण के बाद इनमें किसी तरह की कोई कमी ना आए। जांच से इस बात की पुष्टि की जाएगी कि मूर्ति के निर्माण के बाद इनकी चमक क्या किसी तरह का बदलाव आ सकता है? वहीं यह मूर्ति कितने समय तक सुरक्षित रह सकती है इसकी भी पुष्टि जांच से की जा सकेगी। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का प्रथम तल दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जनवरी 2024 में रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
आर्कियोलॉजी विभाग से मिली मंजूरी
बता दें कि इन शिलाओं को आर्कियोलॉजी विभाग की मंजूरी के बाद भी भारत लाया गया है। इन शिलाओं को कारसेवक पुरम में रखा जाएगा। यहां मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।