Assam-Meghalaya Border Violence: असम-मेघायल हिंसा के लगभग एक सप्ताह बाद असम सरकार ने रविवार (27 नवंबर, 2022) को मेघालय की यात्रा से प्रतिबंध हटा दिया है। गुवाहाटी शहर के डीसीपी सुधाकर सिंह ने कहा, “मेघालय में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर असम पुलिस ने वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध हटा दिया है और सभी वाहनों को मेघालय जाने के लिए छूट दे दी गई है।
अधिकारियों ने कहा कि असम-मेघालय सीमा से सटे विवादित क्षेत्र में भारी सुरक्षा तैनात की गई थी और निषेधाज्ञा लागू थी, जहां हिंसक झड़पों के बाद छह लोग मारे गए थे, लेकिन दोनों राज्यों के बीच यात्रा प्रतिबंध संघर्ष के बाद छठे दिन हटा दिए गए। अधिकारी ने कहा कि ट्रकों, सामान और अन्य सामान ले जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर हालांकि कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
हिंसा में 6 लोगों की हुई थी मौत
मंगलवार (22 नवंबर) को असम और मेघालय राज्यों की सीमा (Assam Meghalaya Border) पर गोलीबारी (Firing) में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस मामले में इतनी ज्यादा हिंसा (Violence) भड़क गई है। बॉर्डर पर वाहनों में आगजनी की गई अधिकारियों ने बताया कि इस मामले एक ट्रक में कुछ लोग लकड़ियां लेकर जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने वाहन को रोकने की कोशिश की बस इसी दौरान पुलिस और लकड़ी ले जा रहे लोगों में टकराव हुआ और गोलीबारी हुई इस गोलीबारी में 6 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी।
असम -मेघालय बॉर्डर पर हुई हिंसा को लेकर छात्र संगठन के सदस्यों ने इयालोंग सिविल अस्पताल में प्रदर्शन किया था। इसी अस्पताल में उन 6 लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिए रखे गए थे। मेघालय में असम के वाहनों पर हुए हमलों के बाद असम पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वाहन मालिकों से पड़ोसी राज्य मेघालय में जाने से रोका था।
शनिवार को मेघालय में विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने सीमा पर हिंसा के विरोध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा सहित अन्य लोगों का पुतला जलाया था। एक अन्य सामाजिक संस्था हाइनीवट्रेप स्वदेशी प्रादेशिक संगठन ने भी शिलांग में यू सोसो थम ऑडिटोरियम के परिसर में ‘रेड फ्लैग डे’ मनाया।