असम सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ छेड़ेगी लड़ाई! हिमंता बिस्वा सरमा बोले- धर्म के बारे में झूठ बोलकर हिंदू लड़कियों से शादी कर रहे युवक
सरमा ने कहा कि "असम में हम देख रहे हैं कि दो और तीन नए ट्रेंड उभर रहे हैं, जिनमें कई मुस्लिम लड़के हिंदू नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उस पर अपनी मंदिर वाली तस्वीर अपलोड कर रहे हैं।

भाजपा नेतृत्व वाली असम सरकार ने कथित ‘लव जिहाद’ या धोखे से शादी करने की घटनाओं पर सख्त रुख अपना लिया है। राज्य के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक बयान में कहा है कि असम सरकार ने ‘धोखे से शादी’ करने के बढ़ते ट्रेंड की रोकने का फैसला किया है। जिसमें लड़का अपने धर्म के बारे में झूठ बोलकर किसी हिंदू लड़की से शादी करता है।
सरमा ने कहा कि “असम में हम देख रहे हैं कि दो और तीन नए ट्रेंड उभर रहे हैं, जिनमें कई मुस्लिम लड़के हिंदू नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उस पर अपनी मंदिर वाली तस्वीर अपलोड कर रहे हैं। ऐसे में लड़कियां उनसे शादी कर लेती हैं और बाद में उन्हें पता चलता है कि वह दोनों एक धर्म के नहीं हैं। यह प्रमाणिक शादी नहीं है- यह झूठी जानकारी पर आधारित है और एक तरह से यह विश्वासघात है।”
सरमा ने कहा कि हम उन शादियों के खिलाफ लड़ेंगे, जिनका आधार फर्जी है। हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ किया कि उनकी सरकार धर्म से अलग शादी करने के खिलाफ नहीं है लेकिन जब तक यह अपनी मर्जी से और बिना किसी धोखे के की गई हो। असम के वित्त मंत्री ने कहा कि ‘अपनी बहनों और बेटियों’ के बचाने के लिए ऐसा किया जाएगा।
असम सरकार ने सरकारी मदरसे बंद करने का भी फैसला किया है। असम में चलने वाले सभी मदरसों को अब सरकारी स्कूल में बदल दिया जाएगा और कुछ मामलों में टीचर्स को सरकारी स्कूल में शिफ्ट करके मदरसा बंद किया जाएगा। आज तक के साथ बातचीत में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने मदरसों को बंद कर दिया है क्योंकि धार्मिक शिक्षा देना हमारा काम नहीं है।
सरमा ने कहा कि सरकारी पैसों पर सिर्फ कुरान को नहीं पढ़ाया जा सकता, अगर ऐसा होता है तो बाइबिल और गीता को भी पढ़ाना चाहिए।
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