Assam MLA Akhil Gogoi: असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने 2021 में जेल से चुनाव जीतकर इतिहास रचा था, लेकिन जो सबसे बड़ी बात है, वो यह है कि अखिल गोगोई विधायक बनने के बाद खुश नहीं हैं। गोगोई ने रविवार (12 मार्च, 2023) कहा कि वो विधायक बनने के बाद से खुश नहीं हैं, क्योंकि इससे पहले एक्टिविस्ट के रूप में वो लोगों की परेशानियों को सीधे और पूरी मजबूती से उठाते थे, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पा रहे।
सिबसागर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक बने सिंह ने यह भी दावा किया कि वह अकेले सरकार के सभी जनविरोधी फैसलों की आलोचना और विरोध करके विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि अन्य गैर-सत्तारूढ़ दल चुप हो गए हैं। गोगोई ने कहा, ‘मैं विधायक के इस पद से खुश नहीं हूं। मैं एक कार्यकर्ता हूं। मैं भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी जनविरोधी गतिविधियों के खिलाफ लड़ता हूं।’
गोगोई की राजनीतिक पार्टी रायजोर दल भारत के संसाधनों के निगमीकरण, फासीवादी माहौल और सरकार की सांप्रदायिक और अलोकतांत्रिक भावना जैसे विभिन्न मुद्दों के खिलाफ लड़ रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या एक कार्यकर्ता के रूप में लोगों के हितों के लिए लड़ने की अधिक गुंजाइश थी और वह अपने पहले कार्यकाल के दौरान अधिक खुश थे। इस सवाल के जवाब में गोगोई ने कहा, ‘हां, निश्चित रूप से। मैं एक्टिविस्ट के दिनों में अधिक खुश था। अब, मैं एक विधायक हूं।’
‘भाजपा की सांप्रदायिक ताकत से लड़ते रहेंगे’
गोगोई ने कहा कि असम विधानसभा में मैं एकमात्र विपक्ष हूं, जो इस सांप्रदायिक भाजपा सरकार के खिलाफ लड़ता है। हमारे पास 51 विपक्षी विधायक हैं, लेकिन कई विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा और राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा के पक्ष में मतदान किया। उनसे जब पूछा गया कि यह आरोप उनके खिलाफ भी था कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बीजेपी को वोट दिया था तो निर्दलीय विधायक ने इस आरोप से इनकार किया और दावा किया कि वह बीजेपी की सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति के खिलाफ लड़ रहे हैं।
गोगोई ने असम में कई घोटालों का पर्दाफाश किया
गोगोई ने किसान संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) की शुरुआत कर अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत की थी और इस सदी के लगभग दो दशकों तक किसानों की आजीविका और बंदोबस्त से जुड़े कई मुद्दों को उठाया। उन्होंने भूमि अधिकारों सहित कई मुद्दों पर कई आरटीआई आवेदन और अदालती मामले दायर किए थे और असम में कई घोटालों का पर्दाफाश किया था।
‘विपक्ष के सभी विधायक सरकार के खिलाफ मजबूती से नहीं लड़ रहे’
गोगोई ने जोर देकर कहा, “मैंने भारत सरकार और भाजपा की सभी कॉन्सेप्ट के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मुझे लगता है कि विपक्ष के सभी विधायक इस सरकार के खिलाफ मजबूती से नहीं लड़ रहे हैं। मैं अकेला इस सरकार के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ रहा हूं।” उन्होंने दावा किया कि वह सदन में सत्ता पक्ष द्वारा लाए गए सभी “जनविरोधी” कानूनों का विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं।
गोगोई ने आरोप लगाया कि असम सरकार द्वारा कुछ सरकार विरोधी, असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक कार्य किए जा रहे हैं जैसे फर्जी मुठभेड़ और अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ बेदखली। यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2026 में फिर से चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि वह विधायक बनकर खुश नहीं हैं। रायजोर दल के प्रमुख ने कहा कि चुनाव ही एक ऐसा माध्यम है जहां वह अपनी विचारधारा, सोच और कार्यों का प्रसार कर सकते हैं।
‘भाजपा सरकार के खिलाफ 2026 का चुनाव लड़ूंगा’
उन्होंने कहा, “मैं अभी 2026 के चुनावों के बारे में नहीं सोच रहा हूं, यह बहुत दूर है… यह लोकतंत्र का सवाल है और मैं निश्चित रूप से इस सांप्रदायिक भाजपा सरकार के खिलाफ 2026 का चुनाव लड़ूंगा।” उन्होंने कहा कि मैं कोई पेशेवर राजनेता नहीं हूं। मैं सिर्फ एक कार्यकर्ता हूं। मैं एक साधारण आदमी हूं और मैं हमेशा सांप्रदायिक फासीवाद और सरकारों के अलोकतांत्रिक कार्यों के खिलाफ लड़ता हूं। हम भारतीय संविधान और भारतीय लोकतंत्र के मूल्यों को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।’