दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 16,064 से बढ़कर 16,506 रुपए, अर्ध-कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 17,693 से बढ़कर 18,187 रुपए हो गया है। वहीं, कुशल मजदूरों के वेतन में 545 रुपये की बढ़ोतरी के बाद उनका मासिक वेतन 19,474 रुपए से बढ़कर 20,019 रुपए हो गया है। न्यूनतम वेतन की ये नई दरें 1 अप्रैल 2022 से लागू की गई हैं।
वेतन बढ़ोतरी के बारे में बात करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि महंगाई की मार झेल रहे श्रमिक वर्ग को न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से राहत मिलेगी। केजरीवाल सरकार दिल्ली के श्रमिकों को राहत देने के लिए हर 6 महीने में महंगाई भत्ते को बढ़ाती है।
लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ: साथ ही उपमुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसका फायदा लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। साथ ही स्नातक से अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 21,184 से बढ़ाकर 21,756 रुपए कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नए न्यूनतम वेतन की घोषणा की है। दिल्ली सरकार के इस कदम से अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और दूसरे श्रमिकों को फायदा होगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे है लेकिन मजदूरों के हितों का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला किया है।
दिल्ली की बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगे श्रमिक: इससे पहले दिल्ली के निर्माण श्रमिकों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त पास दिए थे। जिससे ये सभी मजदूर दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री में यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी निर्माण श्रमिकों को फ्री बस पास दिए थे। दिल्ली सरकार की इस योजना से निर्माण स्थलों पर काम कर रहे मिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन और दूसरे मजदूरों को फायदा मिलेगा।