मध्य प्रदेश के खरगोन नगर पालिका के चुनाव नतीजे चौंकाने वाले रहे। बुधवार को घोषित परिणामों में यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने तीन वार्ड में जीत दर्ज की। वहीं AIMIM के टिकट पर पार्षद बनीं अरुणा उपाध्याय ने कहा कि वो हिंदू-मुसलमान को नहीं मानती हैं।
अरुणा उपाध्याय ने कहा, ‘मेरे लिए मुद्दा जनता की सेवा करना रहा है। इसीलिए मै AIMIM पार्टी में आई हूं। मैं हिंदू और मुसलमान इन सब चीजों को नहीं मानती हूं, क्योंकि सभी इंसान हैं। सब एक होकर रहें, वही अच्छा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान काफी चुनौतियों मिलीं, जिसको मैं गिनवा नहीं सकती, मुझे इतना सारा प्यार मिला, इसलिए मैं सभी चुनौतियों को भूल गई हूं। मैं आशा करती हूं कि मुझे आगे भी प्यार मिलता रहे। उन्होंने कहा कि अभी ओवैसी से मेरी बात नहीं हुई है, लेकिन उनसे जल्द ही बातचीत होगी।12वीं तक पढ़ीं अरुणा के पति श्यामलाल ने ही उन्हें पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था।’
AIMIM के शहर अध्यक्ष सरफराज खान ने कहा कि यह परिवर्तन की शुरुआत है। जनता बीजेपी और कांग्रेस से परेशान है। क्षेत्र की समस्याओं को चिन्हित कर लिया गया है। हम उन्ही पर काम करेंगे।
अरुणा ने भाजपा प्रत्याशी को 31 वोट से हराया
वार्ड क्रमांक- 2 में अरुणा के सामने भाजपा की सुनीता गांगले, कांग्रेस की शिल्पा सोनी मैदान में थीं। इन सब को पछाड़ते हुए अरुणा को 643 वोट मिले। वहीं, भाजपा की सुनीता को 612 वोट मिले। कांग्रेस यहां 458 मत के साथ तीसरे स्थान पर रही। अरुणा ने 31 मतों से विजय हासिल की। खरगोन के वार्ड 02 में 2915 कुल मतदाता है। वार्ड में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।
बता दें कि मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी AIMIM और आम आदमी पार्टी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है। आप ने सिंगरौली नगर निगम में महापौर का पद भाजपा से छीन लिया। वहीं, औवेसी की पार्टी ने जबलपुर, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन में कई पार्षद पद जीत लिए।
अरुणा की जीत ने खरगोन में सेक्युलरिज़्म और हिन्दू-मुस्लिम इत्तेहाद की मिसाल क़ायम की है: ओवैसी
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा-‘ खरगोन के 7 उम्मीदवारों ने नगर पालिका चुनाव में जीत हासिल की। हम पर एतमाद जताने और मजलिस को अपने क़ीमती वोटों से नवाज़ने के लिए खरगोन के अवाम का तहे-दिल से शुक्रिया। खरगोन के अवाम ने नफ़रत की राजनीति को नकारा और हमारे उम्मीदवार अरुणा उपाध्याय को कामयाब किया। अरुणा जी का हम शुक्रिया अदा करते हैं। उनकी जीत ने सही मायनों में खरगोन में सेक्युलरिज़्म और हिन्दू-मुस्लिम इत्तेहाद की मिसाल क़ायम की है।’