Another Jain Seer Passes Away: जयपुर में 25 दिसंबर से झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के फैसले के विरोध (Protest) में अनशन पर बैठे एक और जैन मुनि का निधन (Another Jain Seer Passes Away) हो गया। वो 25 दिसंबर से श्री सम्मेद शिखरजी (Sammed Ji ) को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध के लिए अनशन पर बैठे थे। वहीं इसके पहले गुरुवार (5 जनवरी) को सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने का विरोध कर रहे एक अन्य जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने अपने प्राण त्याग दिए थे। 72 वर्षीय जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले 10 दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। गुरुवार को उनके निधन के बाद जैन समाज का आक्रोश बढ़ गया था शुक्रवार को दूसरे जैन मुनि के निधन से स्थिति और बिगड़ने की संभावना है।
Jharkhand Government ने किया था पर्यटन बनाने का ऐलान
आपको बता दें कि इसके पहले झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के लिए आदेश जारी किया था। जिसको लेकर जैन समुदाय में नाराजगी थी, और जयपुर में 25 दिसंबर से ही कई जैन मुनियों ने झारखंड सरकार के इस फैसले के विरोध में आमरण अनशन शुरू कर दिया था। हालांकि जैसे ही गुरुवार को पहले जैन मुनि का निधन हुआ उसके तुरंत बाद ही केंद्र सरकार ने पारसनाथ पहाड़ी पर सभी पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। पारसनाथ पहाड़ी पर जैन धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी को लेकर केंद्र ने झारखंड सरकार को इसकी पवित्रता की रक्षा के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिये हैं।
Union Environment Ministry ने लिया फैसला
सूत्रों की मानें तो ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने लिया था। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक ज्ञापन भेजा है, जिसके मुताबिक झारखंड सरकार जैन मुनियों के पवित्र स्थल पर सभी तरह की पर्यटन गतिविधियों को रोके जाने का आदेश दिया गया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे मुलाकात की थी, जिसके बाद ही केंद्र सरकार की ओर से ये आदेश जारी किया गया था।
पूरे देश के लिए पवित्र है सम्मेद शिखरजीः Centre
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जैन समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बाद उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो देश के लिए एक पवित्र स्थान है। आपको बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिले जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है। जैन समुदाय के सदस्यों ने पारसनाथ पहाड़ी पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के फैसले का लगातार विरोध कर रहे थे।