असम के गुवाहाटी में 195 साल पुरानी एक मस्जिद को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर बचाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 1824 में बनी पुरानीगुदाम मस्जिद की मीनार वाली जगह से नेशनल हाइवे का निर्माण होना था। प्रशासन की तरफ से कथित तौर पर मीनार को गिराने की बात चल रही थी लेकिन लोगों ने मिलकर पैसे जुटाए और एक इंजीनियरिंग फर्म की मदद से मीनार को बिना गिराए 70 फीट दूर शिफ्ट कर दिया है। अभी भी शिफ्टिंग का काम चल रहा है।
चंदे से मीनार के लिए पैसे इकट्ठे किएः असम के नगांव में फोर लेन हाइवे बनाने के लिए प्लान पास हुआ था। निर्माण के लिए रास्ते में पुरानीगुदाम मस्जिद की मीनार आ रही थी। प्रशासन ने इसे तोड़ने की बात कही। प्रशासन के इस बात से स्थानीय लोग खुश नहीं थे और वे मुद्दे को लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचे। लोगों का मानना था कि मीनार को गिराया नहीं जाए बल्कि इसका कुछ उपाय लगाया जाए या इसको किसी दूसरे जगह शिफ्ट कर दें। बता दें कि प्रशासन की तरफ से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद कुछ लोगों ने मीनार के लिए चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया। स्थानीयों की यह चंदा इकट्ठा करने वाली मुहिम रंग लाई और हरियाणा की एक इंजीनियरिंग फर्म ने मीनार को शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था।
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ऐसे शिफ्ट हो रही है मीनारः बता दें कि हरियाणा की इंजीनियरिंग फर्म आरआर एंड संस ने मीनार को शिफ्ट कराने के लिए पांच लाख रुपए का खर्च बताया था। बाद में काम को देखते हुए इसे बढ़ाकर आठ लाख रुपए कर दिया। उनके मुताबिक मीनार को शिफ्ट करने के लिए वे लिफ्टिंग और शिफ्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। मीनार को प्लेट रोलर्स के सहारे एक जगह से उठाकर दूसरे जगह शिफ्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 60 फीसदी का काम पूरा हो गया है। फर्म का कहना है कि अगले 20 दिनों में शिफ्टिंग का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। बता दें कि मीनार की शिफ्टिंग एक्सपर्ट्स की देखरेख में की जा रही है।