खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’के चीफ अमृतपाल सिंह को पकड़ने में पंजाब पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। पुलिस सर्च ऑपरेशन चलाकर लगातार उसको ढूंढने में जुटी है। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल देश छोड़ने की फिराक में है। वह नेपाल के रास्ते कनाडा जा सकता है। जालंधर रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस स्वपन शर्मा ने भी इस आशंका को खारिज नहीं किया है। अमृतपाल सिंह ने फरवरी 2023 में यूके की रहने वाली एनआरआई किरणदीप से शादी रचाई थी।
दिसंबर 2021 में कनाडा जाने के लिए किया था अमृतपाल ने अप्लाई
अमृतपाल सिंह को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। वह पहले ही भारत से भागने का प्लान बना चुका था। इसके लिए उसने दिसंबर 2021 में ही कनाडा में Temporary Work Permit के लिए अप्लाई कर दिया था। उसने कनाडा के एक प्रांत में ट्रक ड्राइवर की नौकरी के लिए अपनी एप्लीकेशन दी थी।
अमृतपाल मामले में खाद-पानी दे रहे कनाडा के नेता
कनाडा में बैठे हुए वहां के सांसद पूर्व मंत्री और स्थानीय नेताओं समेत कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग पंजाब में अमृतपाल सिंह के मामले में खाद-पानी दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, कनाडा और अमेरिका में बैठे लोगों ने न सिर्फ टूल किट के माध्यम से अभियान चलाया बल्कि अमृतपाल मामले को ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी बड़ी घटना से भी जोड़कर माहौल को हवा देने की कोशिश भी कर रहे हैं। यही नहीं कुछ संगठन तो दुनिया के अलग-अलग देशों में भारतीय दूतावासों के बाहर लंदन जैसी घटना के लिए भी उकसा रहे हैं।
भारतीयों के बीच क्यों लोकप्रिय है कनाडा?
काफी संख्या में ऐसे भारतीय हैं, जो अब कनाडा में स्थायी तौर पर बस चुके हैं। कनाडा की कुल आबादी में भारतीय प्रवासियों का हिस्सा करीब 6-7 फीसदी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका या अन्य देशों की तुलना में कनाडा की ओर भारतीयों का आकर्षण का मुख्य कारण रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड या परमामेंट रेसिडेंसी जारी करने का प्रति कंट्री कोटा है। अप्रवासियों को देश में बसाने के लिए कनाडा अभी भी पुरानी वीजा नीति H-1B अपनाए हुए है। इसके अलावा कनाडा सभी कुशल विदेशी कामगारों की पत्नी या पति को भी देश में काम करने की अनुमति देता है। दूसरी ओर कनाडा सरकार ने ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित करने के लिए वर्क वीजा और ग्रीन कार्ड वीजा को काफी आसान बना दिया है।
कनाडा की इमिग्रेशन पॉलिसी जहां कुशल श्रमिकों को सीधे स्थायी निवासी के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है। कनाडा की इमिग्रेशन पॉलिसी की खास बात यह है कि स्थायी निवासी का वीजा मिलने के तुरंत बाद व्यक्ति को कहीं भी रहने और काम करने का अधिकार मिल जाता है। इसके अलावा व्यक्ति कनाडा में उपलब्ध सभी यूनिवर्सल हेल्थ सर्विस और सोशल सर्विस का लाभ ले सकता है।
2021 में 163,370 भारतीयों ने देश की नागरिकता छोड़ी
14 मार्च को लोकसभा में पेश किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है साल 2022 में इमिग्रेशन एक्ट 1983 के तहत 3,73,434 भारतीयों का इमिग्रेशन क्लियरेंस जारी किया गया, जिनमें से 10,654 लोग पंजाब से थे। इस एक्ट के तहत 18 देशों में भारतीय को रोजगार के लिए इमिग्रेशन क्लियरेंस जारी किया जाता है। यह देश हैं संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया कतर, ओमान, कुवैत, बहरीन, मलेशिया, लीबिया, जॉर्डन, यमन, सूडान, दक्षिण सुडान, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, सीरिया, लेबनान और थाईलैंड।
साल 2021 में 163,370 भारतीयों ने देश की नागरिकता छोड़ दी। संसद में बताया गया कि ऐसा फैसला इन लोगों ने “निजी वजहों” के कारण लिया है। अन्य देशों की तुलना में सबसे ज़्यादा यानी 78,284 लोगों ने अमेरिकी नागरिकता के लिए भारत की नागरिकता छोड़ी। वहीं साल 23,533 लोगों ने ऑस्ट्रेलिया अपनी नई जिंदगी शुरू की है और 21,597 लोगों ने कनाडा की नागरिकता ली।