Amritpal Singh: पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर सर्च ऑपरेशन जारी है। इससे कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। सिंह के समर्थक उसे ‘भिंडरावाले 2.0’ कहते हैं। वो खुद को भिंडरावाले का समर्थक बताता है। 23 फरवरी को अजनाला थाने की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई को लेकर मांग उठ रही है।
अमृतपाल को राज्य में बीते कुछ दिनों से जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 भी कहा जा रहा है। कारण यह कि वो भी उनकी ही तरह सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। 1980 में भिंडरावाले ने भी सिखों के लिए उक्त मांग उठाई थी, जिससे राज्य भर में खलबली मच गई थी। सिंह भिंडरावाले के तरह भारी पगड़ी बांधता है और भड़काऊ भाषण देता है, जो युवाओं में जोश भर देता है।
भड़काऊ भाषण देने के साथ ही अमृतपाल में राजनीतिक समझ भी है। इसका प्रमाण मिलता है उसके कार्यक्रम के लिए चुनी गई जगह से। बीते साल 29 सितंबर को ‘वारिस दे पंजाब’ के पहले वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी कार्यक्रम के दौरान अमृतपाल को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। माना जाता है कि जगह का चयन काफी रणनीतिक था क्योंकि रोडे भिंडरावाले का पैतृक गांव था। वो भी उसकी तरह नीली पगड़ी पहनता है और अपने पास छोटी कृपाण रखता है।
दीप सिद्धू की मौत के बाद एक्टिव हुआ अमृतपाल
‘वारिस दे पंजाब’ संगठन को एक्टर दीप सिध्दू ने बनाया था, लेकिन 15 फरवरी, 2022 को सड़क हादसे में उसकी मौत के बाद कुछ ही महीने पहले दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की जिम्मेदारी संभाली। उसने संगठन की वेबसाइट बनाई और लोगों को उससे जोड़ना शुरू कर दिया।
10 फरवरी को ब्रिटेन की NRI लड़की से की शादी
अमृतपाल सिंह आतंकवादी भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है। 30 साल का अमृतपाल की शादी हो चुकी है। इसी साल 10 फरवरी को उसने अपने पैतृक गांव में एक समारोह के दौरान ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की थी। किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की हैं, लेकिन कुछ समय पहले उनका परिवार इंग्लैंड में बस गया था।
12वीं तक पढ़ा-लिखा है अमृतपाल सिंह
अमृतपाल मूल निवासी पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहने वाला है। उसने गांव के स्कूल से ही 12वीं तक की पढ़ाई की है। साल 2012 में वो दुबई चल गया। वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया। उसके अधिकतर रिश्तेदार दुबई में ही रहते हैं। पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले में अमृतपाल का भी नाम जोड़ने की पुलिस से अपील की थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद किया था।