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अमृतपाल ने बना लिया था गंदा प्लान, AKF के सदस्यों के फोन में मिलीं खुद की करेंसी और खालिस्तान राज्य के प्रतीक चिन्हों की तस्वीरें

आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल देश छोड़ने की फिराक में है। वह नेपाल के रास्ते कनाडा जा सकता है।

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खन्ना पुलिस द्वारा जारी तस्वीर में AKF सदस्य (फोटो : खन्ना पुलिस)

खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह को पकड़ने में पंजाब पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। पुलिस सर्च ऑपरेशन चलाकर लगातार उसको ढूंढने में जुटी है। पंजाब में खन्ना पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने तेजिंदर सिंह गिल उर्फ ​​गोरखा बाबा के फोन से अमृतपाल सिंह के आनंदपुर खालसा फौज (AKF) के सदस्यों के हथियारों के साथ कई वीडियो और काल्पनिक मुद्रा और प्रस्तावित खालिस्तान राज्य के प्रतीक चिन्ह बरामद किए। तेजिंदर सिंह गिल अमृतपाल सिंह के बंदूकधारियों में से एक है।

लुधियाना जिले के मंगेवाल गांव के रहने वाले तेजिंदर को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। तेजिंदर AKF का सदस्य था (एक निजी सेना जिसे अमृतपाल सिंह द्वारा खड़ा किया जा रहा था)। पुलिस ने बताया कि तेजिंदर ने जांच के दौरान खुलासा किया कि AKF के सभी सदस्यों को बेल्ट नंबर दिए गए थे उदाहरण के लिए AKF 3, AKF 56, AKF 47

AKF सदस्यों के व्हाट्सएप ग्रुप

तेजिंदर के अमृतपाल के साथ हथियार ले जाने के कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि तेजिंदर के नाम पर शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। खन्ना के एसएसपी अमनीत कोंडल ने कहा कि उसके फोन से तेजिंदर के कई वीडियो बरामद हुए हैं जिसमें वह हथियार लोड करता और फायरिंग का अभ्यास करता नजर आ रहा है। SSP ने कहा कि बुलेटप्रूफ जैकेट पहने एकेएफ सदस्यों के वीडियो और फोटो और एकेएफ व्हाट्सएप ग्रुप चैट भी बरामद किए गए हैं। कोंडल ने कहा कि एकेएफ सदस्यों को बेल्ट नंबर भी दिए गए और वेतन भी दिया गया।

पुलिस ने कहा कि पिछले रिकॉर्ड से पता चलता है कि तेजिंदर के खिलाफ दो एफ़आईआर दर्ज की गई थी। जिसमें से एक आबकारी अधिनियम के तहत कथित शराब तस्करी के लिए जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था और दूसरी मारपीट के लिए जिसे दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के आधार पर रद्द कर दिया गया था।

तेजिंदर के पास थी अमृतपाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी

पुलिस ने कहा कि तेजिंदर क्लोज प्रोटेक्शन टीम (सीपीटी) का सदस्य था, जिसे अमृतपाल की सुरक्षा सौंपी गई थी। एसएसपी कोंडल ने कहा, “वह बिक्रमजीत सिंह खालसा के माध्यम से अमृतपाल सिंह के संपर्क में आया, जिनसे वह दिल्ली में किसान आंदोलन में मिला था। वह पांच महीने पहले जल्लूपुर खेड़ा गया था और अमृतपाल सिंह के गनमैन के रूप में शामिल हो गया था। उन्हें हथियार (AKF मार्किंग के साथ) दिए गए थे और अमृतपाल के पैतृक गांव में फायरिंग रेंज में नियमित रूप से फायरिंग अभ्यास और सैन्य अभ्यास किया जाता था।”

AKF ग्रुप में नए सदस्यों को शामिल करने के निर्देश

कोंडल ने कहा कि दो व्हाट्सएप ग्रुप- एकेएफ और अमृतपाल टाइगर फोर्स का विश्लेषण किया जा रहा है। एक ग्रुप में नए सदस्यों को शामिल करने के लिए ग्रुप के सदस्यों को निर्देश दिए गए थे। सदस्यों को बाद में अमृतपाल द्वारा वेतन दिया गया। अधिकारी ने कहा कि सदस्य युवा थे जो नशामुक्ति के लिए आए थे और बाद में उन्हें प्रशिक्षित किया गया और उन्हें मार्शल और हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया जिसमें फायरिंग अभ्यास भी शामिल था।

तेजिंदर ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि अमृतपाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी हरसिमरत सिंह हुंदल उर्फ ​​लाभ सिंह उर्फ ​​टाइगर की थी। उन्होंने हथियारों की देखभाल की और करीबी सुरक्षा दल के सदस्यों को कर्तव्य सौंपे। सभी हथियारों और बुलेट प्रूफ जैकेटों पर AKF का लोगो लगा हुआ था। कुछ हथियारों में लंबी दूरी की दूरबीनें भी लगी थीं।

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First published on: 24-03-2023 at 20:11 IST
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