यूपी में विरोध प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मियों का आरोप, राम मंदिर के लिए जबरन चंदा वसूला जा रहा
यूपी के शाहजहांपुर की जलालाबाद नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने नगर पालिका परिसर में प्रदर्शन किया।

यूपी के शाहजहांपुर की जलालाबाद नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने नगर पालिका परिसर में प्रदर्शन किया। सफाई कर्मचारियों का आरोप है रि नगर निगम के इंसपेक्टर उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हर एक को 100 रुपये दान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
सफाई कर्मचारी प्रेम प्रकाश वाल्मीकि ने आरोप लगाया कि नगर निगम के इंस्पेक्टर ने उन्हें मंदिर के लिए दान नहीं करने पर अनुपस्थिति दर्ज किए जाने की धमकी दी। वाल्मीकि ने कहा कि कर्मचारी दान नहीं कर सकते क्योंकि उनका वेतन बहुत कम है।
मामले में नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी दयाशंकर वर्मा ने कहा कि काम करने वाले सभी कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि “यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह दान करना चाहता है या नहीं। सरकारी स्तर पर कोई दान नहीं मांगा गया है।”
इससे पहले उत्तर प्रदेश के श्रमिक संघों ने राज्य के लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान अभियान के लिए एक दिन का वेतन स्वेच्छा से दान करने पर आपत्ति जताई थी। यूपी सरकार ने चंदा इकट्ठा करने के लिए एचडीएफसी बैंक में खाते भी खुलवा दिए थे।
19 जनवरी को लिखे पत्र में, इंजीनियर-इन-चीफ राजपाल सिंह ने एचडीएफसी बैंक को खाता खोलने के लिए कहा। जहां सरकार चंदा इकट्ठा करने पर जोर दे रही है, श्रमिक संघ इस कदम को “अवैध” और “धार्मिक स्वतंत्रता का प्रत्यक्ष उल्लंघन” बताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विभाग के कर्मचारी यह जानने के बाद योगदान देना चाहते हैं कि उन्होंने मंदिर के निर्माण के लिए अपने वेतन की धनराशि दान की थी। मौर्य राज्य मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भी संभालते हैं।
मौर्य ने कहा, “जब उन्हें पता चला कि मैंने अपना एक साल का वेतन दान कर दिया है तो वे भी अपना योगदान देना चाहते हैं।” “मैंने उनसे कहा कि इसे किसी पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए लेकिन जो कोई भी दान करने के लिए तैयार है उसे गर्व और खुशी की भावना से ऐसा करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भी मंदिर के लिए धनराशि दान की है।