Private School Fees Relaxation: कोरोना काल (COVID Period) के दौरान स्कूलों द्वारा ली गई फीस (School fees) को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) का बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार (16 जनवरी, 2023) को उत्तर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को कोरोना काल के दौरान ली गई फीस का 15 फीसद छात्रों का वापस करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था। कोर्ट के इस फैसले से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।
2 महीने में पूरी करनी होगी प्रक्रिया
याचिका में दावा किया गया कि कोरोन काल के दौरान सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस हुई हैं, बच्चे घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहे थे। अभिभावकों ने स्कूल फीस के नियमन को लेकर सवाल खड़ किए थे। अब कोर्ट ने निजी स्कूलों को 2 महीने के अंदर यह प्रक्रिया पूरी करने का समय दिया है।
जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके, उन्हें फीस का 15 प्रतिशत वापस करने के निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के दौरान ली गई कुल फीस का अगले सत्र में समायोजन करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें 2020-21 सत्र के दौरान एकत्र की गई राशि का 15 प्रतिशत वापस किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने स्कूलों को प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो महीने का समय दिया है।
याचिका में दिया गया तर्क- कोरोना काल में छात्रों को ट्यूशन के अलावा कोई सेवा नहीं दी गई
अभिभावकों ने हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई थी कि निजी स्कूलों में वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन ट्यूशन के अलावा कोई सेवा नहीं दी गई। याचिका में कहा गया कि इस तरह ट्यूशन फीस से एक रुपया भी अधिक वसूलना और कुछ नहीं बल्कि शिक्षा का मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण है। याचिकाकर्ताओं ने अपने तर्क के समर्थन में इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी हवाला दिया। शीर्ष अदालत ने माना है कि बिना कोई सेवा प्रदान किए फीस मांगना मुनाफाखोरी और शिक्षा के व्यावसायीकरण के बराबर है।
बता दें कि साल 2020-2021 के दौरान देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप चलते लॉकडाउन लगा दिया गया था। इस दौरान सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस का संचालन किया गया था और छात्र अपने घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहे थे।