Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जिस लड़की के अपहरण और हत्या के आरोप में एक युवक सात साल से जेल में बंद है, अब पता चला है कि वह लड़की जिंदा है। बताया जा रहा है कि युवती नाम बदलकर हाथरस में रह रही थी। युवती की शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी हैं। मामला गोंडा थाना क्षेत्र का है।
वहीं, लड़की की हत्या के आरोप में जेल में बंद युवक विष्णु की मां ने न्यायालय से गुहार लगाई है। दरसअल जिस लड़की हत्या और अपहरण के मामले में युवक विष्णु 7 साल से जेल की सलाखों के पीछे है, वह जिंदा मिली है। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, वह लड़की हाथरस (Hathras) इलाके में अपने पति और दो बच्चों के साथ रह रही थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया।
क्या है पूरा मामला? 17 फरवरी 2015 को गौंडा क्षेत्र के गांव ढांटोली में रहने वाले एक व्यक्ति ने मुकदमा कराया था। जिसमें कहा था कि 10वीं में पढ़ने वाली उनकी 14 वर्षीय बेटी लापता है। लड़की के पिता ने अपने ही गांव के विष्णु पर शक जताया। पुलिस किशोरी का सुराग नहीं लगा पाई। कुछ महीनों बाद आगरा में एक किशोरी का शव मिला। स्वजन ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की। जिसके बाद 18 वर्षीय विष्णु हत्या के आरोप में जेल गया। हालांकि, तीन साल पहले वह जमानत पर बाहर आ गया, मगर समन जारी होने के बाद हाजिर न होने पर उसके खिलाफ कुर्की नोटिस जारी हुआ था। तब उसे जेल भेजा गया।
नाम बदलकर हाथरस (Hathras) में पति-बच्चों के साथ रह रही थी युवती: फिलहाल वह जेल में ही है। हाल ही में आरोपी विष्णु की मां सुनीता गौतम ने एसएसपी से की शिकायत कर कहा कि जिस लड़की की हत्या में बेटा जेल में है, वह हाथरस में जिंदा है। वो लड़की हाथरस के नगला चौखा निवासी राजकुमार के साथ शादी करके रह रही है। जांच में पता चला कि किशोरी नाम बदलकर रह रही थी।
वहीं, पिछले 7 साल से लड़की का परिवार यह सोच रहा था कि अलीगढ़ में अपने घर से लापता हुई उनकी बेटी को उसके पड़ोसी ने मार डाला और 90 किमी दूर आगरा में फेंक दिया। आरोपी पर अपहरण, हत्या और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए। वहीं, परिवार को पता ही नहीं था कि लड़की अब एक विवाहित महिला थी और दो बच्चों की मां थी। वह हाथरस में सरसों के खेतों में काम कर रही थी। एक कथा वाचक से अचानक हुई मुलाकात ने उसके झूठ और पुलिस जांच की पोल खोल दी।
उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को DNA टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार: जिसके बाद यूपी पुलिस ने अब स्वीकार किया है कि लापता हुई लड़की जीवित थी और मामले में कार्रवाई करने के लिए डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल उसे नारी निकेतन में रखा गया है। सर्किल ऑफिसर उमेश शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “यह वही लड़की है जो 2015 में लापता हो गई थी। वह हाथरस में अपनी सास, पति और दो बच्चों के साथ रह रही थी। पीड़िता के पिता ने मुख्य संदिग्ध के रूप में आरोपी का नाम लिया, लेकिन हो सकता है कि उसने गलती की हो क्योंकि जिस बॉडी की पहचान उन्होंने की थी उसका चेहरा आधा कुचला हुआ था। महिला ने हमें बताया कि वह गुस्से में थी और घर से भाग गई थी।”
कथावाचक ने सुलझाया मामला: वहीं, वृंदावन स्थित कथावाचक जिसने पूरा मामला सुलझाया उसे बताया, “आरोपी की मां मेरी शिष्या थी। उसने अपनी कहानी बताते हुए मेरे साथ लड़की की तस्वीरें भी साझा की थीं और वह छवि मेरे दिमाग में बनी रही।” करीब एक हफ्ते पहले, शास्त्री हाथरस में एक धार्मिक सभा में उन्हें खाना परोसती एक महिला से मिले। उन्होंने बताया, “मैंने कुछ समानता देखी और आसपास के लोगों से महिला के बारे में पूछा, कुछ लोगों ने मुझे बताया कि वह अलीगढ़ से है और भाग गई है।”
शास्त्री ने अपने मोबाइल फोन से चुपके से महिला की तस्वीरें खींच लीं और उन्हें आरोपी की मां को दिखाया। उनके पुष्टि करने के बाद शास्त्री ने पुलिस के पास जाने से पहले कन्फ़र्म करने का फैसला किया। कथावाचक ने बताया, “मैंने कुछ अधिकारियों से बात की जिन्होंने मुझे इस महिला के दस्तावेज़ प्राप्त करने में मदद की। हमने उसका आधार कार्ड, स्कूल के दस्तावेज लिए, बैंक से संबंधित किसी भी दस्तावेज की तलाश की और पता चला कि वह एक अलग नाम से रह रही थी। उसके मूल और नकली नाम के दस्तावेजों के दो सेट थे। तभी हमने पुलिस से संपर्क किया।”