Ajnala Case : पंजाब के विवादित एक्टर रहे दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह सिद्धू ने अमृतसर के अजनाला में हुए ताजा मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होने कहा है कि उनका या उनके भाई दीप सिद्धू का अमृतपाल सिंह से कोई लेना देना नहीं है।
दीप सिद्धू की पिछले साल 15 फरवरी को एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। वह किसान आंदोलन के दौरान काफी सुर्खियों में आए थे। दीप सिद्धू को ही वारिस पंजाब दे संगठन का संस्थापक कहा जाता है।
ठीक ही इस ही नाम के संगठन को खालिस्तान के समर्थन में खुले आम बयान देने वाला अमृतपाल सिंह भी लीड कर रहा है। हालांकि दीप सिद्धू के भाई ने कहा है कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है।
क्या क्या बोले मनदीप सिंह सिद्धू ?
लुधियाना जिला अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले वकील और दीप सिद्धू मेमोरियल ट्रस्ट के संरक्षक मनदीप सिंह सिद्धू वह और उनका परिवार अमृतपाल सिंह के विचारों से सहमत नहीं हैं। वह बताते हैं वारिस पंजाब दे संगठन मूल रूप से दीप सिद्धू द्वारा 30 सितंबर, 2021 को शुरू किया गया था। लेकिन दीप की मृत्यु के बाद स्वयंभू कट्टरपंथी नेता और भिंडरावाले के अनुयायी अमृतपाल सिंह द्वारा इसे ले लिया गया था।
23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने में सैकड़ों समर्थकों के साथ अमृतपाल की पुलिस से भिड़ंत और धावा बोलने के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ विवादों के घेरे में आ गया है। मंडीओ सिद्धू ने संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए कझ कि उनका समूह अमृतपाल के साथ “किसी भी कीमत पर” गठबंधन नहीं कर सकता क्योंकि वह उनसे वैचारिक मतभेद रखते हैं।
मनदीप ने कहा कि मेरे भाई ने वारिस पंजाब दे को एक और विचारधारा के साथ लॉन्च किया था। उस विचारधारा का अमृतपाल सिंह की इस विचारधारा से कोई मेल नहीं है।
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दीप सिद्धू ने साफ कहा था कि बातचीत ही रास्ता है लेकिन अमृतपाल साफ तौर पर युवाओं से हथियार उठाने को कह रहा है। वह दीप के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें एक अलगाववादी के तौर पर पेश कर रहे हैं।