उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों को लिखा भावुक पत्र, गुजराती गृह मंत्री खत्म करना चाहता है शिवसेना
अमित शाह ने हाल ही में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को अपवित्र गठबंधन बताया था, उन्होंने कहा था कि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना (गठबंधन) सरकार के लिए था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री अमित शाह के महाराष्ट्र दौरे के बाद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक पत्र लिखा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ठाकरे ने इस भावनात्मक चिट्ठी में शिवसैनिकों से कहा है कि गुजराती गृह मंत्री ने अपने हालिया दौरे में शिवसेना को खत्म करने की हिम्मत की है। महाराष्ट्र सीएम ने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि वे जानबूझकर अनजान बने रहे।
बता दें कि अमित शाह ने हाल ही में महाराष्ट्र का दौरा किया था। यहां के सिंधुदुर्ग में उन्होंने रविवार को एक निजी मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन के दौरान शिवसेना पर जमकर हमला बोला था। गृह मंत्री ने आरोप लगाया था कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अपने संस्थापक बाल ठाकरे के मानकों को किनारे कर दिया। उन्होंने कहा था कि यह लोगों के जनादेश को धोखा देकर बनाया गया एक अपवित्र गठबंधन है, जबकि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना (गठबंधन) सरकार के लिए था।
गौरतलब है कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना ने अपनी लंबे समय की सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था। उद्धव ठाकरे ने तब दावा किया था कि भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष शाह ने मुंबई में उनके ‘मातोश्री’ बंगले में मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों द्वारा साझा किए जाना का वादा किया था लेकिन बाद में भाजपा मुकर गई। शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अपने वादों का सम्मान करती है और वे बंद कमरे में कोई भी बात नहीं करते। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा था कि हम सफेद झूठ नहीं बोलते। हम वचन का सम्मान करने वाले लोग हैं।
हालांकि, इस पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए शाह पर निशाना साधा था। पार्टी ने संपादकीय में पूछा था कि क्या 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस का मुख्यमंत्री के रूप में तड़के शपथ ग्रहण भी खुलेपन का उदाहरण था जिसकी शाह बात करते हैं। शिवसेना ने कहा कि भाजपा नेता महाराष्ट्र में सत्ता हाथ से जाने की विफलता को लेकर ‘कुंठा’ के चलते ऐसा बयान दे रहे हैं।
सामना में सवाल किया गया कि 2019 में राजभवन में तड़के फड़णवीस का मुख्यमंत्री एवं राकांपा के अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेना ‘चीजें खुलेआम करना’ कैसे कहा जा सकता है? शिवसेना के साथ गठबंधन वार्ता टूट जाने के बाद एक अप्रत्याशित कदम के तहत फड़णवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।