Maharashtra: महाराष्ट्र के मलाड़ इलाके में बने एक बगीचे का नाम उद्धव ठाकरे की सरकार के दौरान टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया था। अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने इस नाम को हटाने का फैसला किया है। मुंबई उपनगर जिला गार्जियन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कलेक्टर को मलाड़ में टीपू सुल्तान के नाम पर बने बगीचे के नाम को बदलने का आदेश दिया है।
इस मामले को लेकर लंबे वक़्त से सियासत चल रही थी। टीपू सुल्तान के नाम को हटाए जाने का फैसला भाजपा की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
मंत्री और बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस फैसले की जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया और लिखा “दक्षिणपंथियों की जीत हुई” इस ट्वीट मे उन्होंने बताया कि डीपीडीसी की बैठक में सकल हिंदू समाज के विरोध और सांसद गोपाल शेट्टी की मांग पर विचार करने के बाद मलाड़ में एक पार्क से टीपू सुल्तान का नाम हटाने का आदेश दे दिया गया।
मामले में नहीं है राजनीति : Mangal Prabhat Lodha
मीडिया से बात से बात करते हुए मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं थी और उन्होंने टीपू सुल्तान के नाम पर पार्क का नाम रखने के विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों की इच्छा का सम्मान किया है। उन्होने कहा कि कुछ लोगों ने एक बैनर लगाकर इसे टीपू सुल्तान उद्यान कहा था जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। इससे पहले इस पार्क का कोई औपचारिक नाम नहीं था इसलिए मैंने अधिकारियों से जरूरी कदम उठाने और अवैध बैनर हटाने को कहा है। अगर इसका नामकरण किया जाना है, तो हम उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे।
नाम बदलने से लोकप्रिय नहीं बन सकते : NCP
राकांपा प्रवक्ता महेश भारत तापसे ने कहा कि कोई भी सरकार स्थानों के नाम बदलने या दूसरे के फैसलों को पलटने से लोकप्रिय नहीं हो सकती। सरकार ने अभी तक बगीचे के नए नाम का खुलासा नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कर्नाटक जैसे पड़ोसी राज्यों में टीपू सुल्तान एक विवादित नाम है। पार्क के नामकरण का पहले भाजपा ने कथित तौर पर विरोध किया था।