Loksabha election 2019: एक रैली में संबोधन के दौरान ‘अली और बजरंगबली’ को लेकर की गई एक विवादास्पद टिप्पणी के बाद निर्वाचन अयोग ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, इस रोक के बाद योगी मंगलवार को लखनऊ के मशहूर हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे। ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच योगी ने यहां पूजा-अर्चना की। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि योगी का यह कदम वोटरों को संदेश देने का तरीका हो सकता है। बता दें कि राजनीतिक प्रचार के दौरान नेताओं द्वारा कथित तौर पर विद्वेषपूर्ण बयान देने पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद चुनाव आयोग सोमवार को हरकत में आया और योगी के अलावा मेनका गांधी, आजम खान और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। नेताओं पर ये रोक अलग-अलग अवधि के लिए लगाई गई है।
मेनका गांधी के मामले में यह पहला मौका है जब किसी केन्द्रीय मंत्री को प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगाई गई है। वहीं, यह दूसरा मौका है जब आजम खान को आयोग द्वारा प्रचार करने से प्रतिबंधित किया गया हो। यह कार्रवाई उनके जया प्रदा पर दिए एक आपत्तिजनक बयान के बाद की गई गई है। इससे पहले, अप्रैल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह को झारखंड और बिहार में प्रचार करने से रोका था। पिछले आम चुनाव के दौरान ही आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सपा नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने से रोका था।
Chief Minister Yogi Adityanath offers prayers at Hanuman Setu temple in Lucknow. pic.twitter.com/LuLReDDU5R
— ANI UP (@ANINewsUP) April 16, 2019
योगी पर लगी पाबंदी को लेकर बीजेपी ने बचाव किया है। पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने चुनाव आयोग से अपने निर्णय पर पुर्निवचार करने की दरख्वास्त की है। पाण्डेय ने कहा कि भाजपा निर्वाचन आयोग के हर निर्णय का सम्मान करती है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने ना तो धार्मिक भावनाओं को भड़काया है और ना ही धार्मिक उन्माद फैलाने वाला बयान दिया है, बल्कि सिर्फ अपने आराध्य का नाम लिया है। वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, योगी ने चुनाव आयोग के पास भेजे अपने जवाब में कहा है कि वह किसी के डर से अपने आराध्य के प्रति आस्था नहीं छोड़ सकते।

