जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय… कभी-कभी ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं, जो इंसान को हैरान कर देते हैं। अब इसको चमत्कार ही कहेंगे कि 6 दिन में 5 हार्ट अटैक झेलने के बाद भी 81 साल की महिला बिल्कुल ठीक है। ये महिला सांस की गंभीर समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती थीं। इस दौरान, उन्हें 6 दिन में 5 बार दिल का दौरा पड़ा। हालांकि, अब वे बिल्कुल ठीक हैं।
इलेक्ट्रिक शॉक से किया गया पुनर्जीवित
महिला का इलाज मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि 25 फीसदी कम हार्ट पंपिंग एफिसिएंसी के साथ वह ब्रीदलेसनैस और कॉलैपस स्टेट में थीं। छह दिनों तक अस्पताल में रहने के दौरान उन्हें पांच बार दिल का दौरा पड़ा। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक देकर पुनर्जीवित किया गया। मैक्स हेल्थकेयर के कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि जब वह मिलने गए तो मरीज को सांस लेने में तकलीफ और दिल की धड़कन में अनियमितता महसूस हो रही थी।
इसके चलते पहले, उनकी एंजियोग्राफी की गई और लगातार वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया के कारण एक अस्थायी पेसमेकर डाला गया। पेसमेकर पैरामीटर्स को एडजस्ट करने के बाद मरीज को फिर से कार्डियक अरेस्ट आया। इसके बाद, डॉक्टरों ने एक ऑटोमेटिक इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर (एआईसीडी) का सहारा लिया। यह एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसे मॉनिटर करने और असामान्य हार्टबीट को ठीक करने के लिए चेस्ट में इम्प्लांट किया जाता है।
डॉ सिंह ने कहा कि इन उपकरणों का उपयोग गंभीर और हार्ट बीट में अनियमितता के इलाज के लिए किया जाता है और ऐसा करने का यह सबसे प्रभावी तरीका है। ट्रीटमेंट से महिला अब ठीक है, वह सामान्य स्थिति में हैं और उनकी जान बचा ली गई है।
डॉक्टरों ने भी माना, यह चमत्कार है
उन्होंने कहा, “दिल का दौरा पड़ने के बाद यह वास्तव में एक चमत्कार था। मरीज की हालत बेहद गंभीर थी।” इस मामले में कोई दवा काम नहीं कर रही थी, इसलिए परिवार ने हार मान ली थी। हालांकि, इस केस में कई तकनीकों को लागू करने के बाद मरीज बच गया। डॉक्टरों के मुताबिक, महिला को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और वह ठीक हैं। डॉ सिंह ने कहा कि मेनोपोज के बाद महिलाओं को दिल के दौरे का अधिक खतरा होता है और उनमें पसीना आना, गर्दन, जबड़े, कंधे, ऊपरी पीठ या ऊपरी पेट, हाथों में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अपच, उल्टी या मतली और थकान जैसे असामान्य लक्षण होते हैं।