इसके लिए 15 जनवरी तक का समय तय किया गया है। इस योजना के पहले चरण में तिमारपुर से लेकर माल रोड तक का हिस्सा अब तक साफ किया जा चुका है और अगले चरण में साढ़े पांच किलोमीटर का हिस्सा मालरोड से भारत नगर साफ किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पहल के बाद नदी के जल प्रदूषण में कमी आएगी। इस साफ किए गए पानी का प्रयोग दिल्ली भर में पेड़-पौधों में किया जाएगा।
दिल्ली में करीब 32 गंदे पानी के नाले हैं जो दिल्ली की विभिन्न सरकारी एजंसियों के पास है। इन एजंसियों की मदद से नजफगढ़ के बड़े नाले की मदद से यह पानी यमुना क्षेत्र तक पहुंचा है। ये नाले करीब साढ़े सात किलोमीटर के दायरे में आते हैं, जो कि तिमारपुर से भारत नगर के बीच है। सरकार की योजना है कि साफ पानी की मदद से तिमारपुर से बसई दारापुर के बीच में मोटर बोट चलाकर लोगों को यहां से परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। हाल ही में हाल ही में ना पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अगुआई में बैठक की गई।
दिल्ली में यमुना करीब 57 किलोमीटर का लम्बा सफर करती है और करीब 122 नाले इसमें गिरते हैं, जो इस नदी को सबसे अधिक प्रदूषित बना देती है। केवल मानसून और पहाड़ी राज्यों में अधिक पानी होने की स्थिति में दिल्ली में यमुना नदी एक नदी जैसी दिखाई देती है, बाकि पूरे साल गंदा पानी की वजह से वह नाले में तब्दील हो जाती है। यह योजना नदी क्षेत्र में पानी की कमी को पूरा करने में योगदान देगी।