समाज के कमजोर वर्गों को किफायती आवास प्रदान करने और मार्च 2022 तक शहरी गरीबों के लिए 2 करोड़ घरों का निर्माण करने के लक्ष्य के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने हजारों लाभार्थियों के खाते में बुधवार को करीब 250 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 1,925 करोड़ रुपये की लागत से तैयार करीब 50 हजार नए घरों का उद्घाटन भी किया। सीएम ने 30 हजार नए घरों का शिलान्यास भी किया, जिस पर 1,155 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। धन ट्रांसफर और उद्घाटन का पूरा कार्यक्रम भोपाल से डिजिटल माध्यम से किया गया।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जल्द ही उन लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा, जिन्हें अब तक यह नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के काल में 4.40 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया गया, जिससे परिवारों को राहत मिली। बताया कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए सभी को घर उपलब्ध कराने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य मध्य प्रदेश के प्रत्येक पात्र लाभार्थी के पास पक्का घर सुनिश्चित करके नागरिकों के जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने का है। उनके मुताबिक प्रदेश सरकार ने पहले आठ लाख 68 हजार घरों के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिनमें से चार लाख 72 लाभार्थियों को उनके नवनिर्मित घरों का स्वामित्व पहले ही मिल चुका है, जबकि शेष घरों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
मकान पाने के लाभार्थियों को प्रति मकान 2.50 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 1.50 लाख रुपये प्रति मकान और राज्य का हिस्सा 1 लाख रुपये प्रति मकान शामिल है। आवास निर्माण की शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन की जा रही है।
मकान की रजिस्ट्री में लाभार्थी परिवार की महिला का प्रथम नाम दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के 1.20 लाख बेघर परिवारों को ब्याज सब्सिडी (2.67 लाख रुपये तक की राशि) प्रदान की गई है।
सीएम ने बताया कि कमजोर आय वर्ग वर्ग के पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जो लाभार्थी के हिस्से को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें भी मुख्यमंत्री भवन एवं निर्माण श्रमिक आवास योजना के माध्यम से उनके योगदान को पूरा करने के लिए राज्य द्वारा 1 लाख रुपये तक का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाता है।