मणिपुर के नोनी जिले में गुरुवार तड़के 107 टेरिटोरियल आर्मी के शिविर में भारी भूस्खलन के बाद कम से 13 लोगों के शव बरामद किए गए हैं जबकि अभी 50 से भी ज्यादा लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मरने वालों में सात टेरिटोरियल आर्मी के जवान शामिल थे और एक इंफाल-जिरीबाम रेलवे परियोजना के निर्माण में लगे रेलवे कर्मचारी थे। टेरिटोरियल आर्मी के इन जवानों को निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास तैनात किया गया था।
राजधानी इंफाल के डिफेंस पीआर दफ्तर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, भारतीय सेना और असम राइफल्स की टुकड़ी इस हादसे के बाद राहत और बचाव अभियान में लगी हुई है। जारी किए गए बयान में ये भी कहा गया है, घटनास्थल पर मौजूद इंजीनियरिंग उपकरणों को भी बचाव प्रयासों में लगाया गया है। नोनी के डिप्टी कमिश्नर ने बताया, भूस्खलन की वजह से बड़े पैमाने पर मलबा इकट्ठा होकर एजाई नदी के बहाव के बीच में आ गया है जिसकी वजह से वहां पानी इकट्ठा हो गया है इसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।
मलबा नहीं हटा तो बाढ़ की स्थिति
डिप्टी कमिश्नर की जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है, “ये प्राकृतिक आपदा नोनी ज़िले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास आई है। बताया जा रहा है कि दर्जनों लोग इस हादसे में जिंदा दफन हो गए। वहीं मलबे की वजह से नदी की धारा का प्रवाह भी बाधित हो रहा है जिससे एक बांध बनने जैसी स्थिति बन गई है और लगातार पानी इकट्ठा होता जा रहा है अगर ये मलबा हटाया नहीं गया तो यहां पर बाढ़ जैसी स्थिति बन जाएगी और नोनी जिले के निचले इलाकों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
13 लोगों को सुबह साढ़े 5 बजे तक रेस्क्यू किया गया था
बयान में कहा गया है कि सुबह साढ़े पांच बजे तक 13 लोगों को बचा लिया गया और उनका नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में इलाज चल रहा है। ताजा भूस्खलन और खराब मौसम के कारण बचाव अभियान प्रभावित होने से 50 से अधिक लोग हालांकि अभी भी लापता हैं। बयान में कहा गया है कि सेना के हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर थे और मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे थे।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने किया दौरा
भारी संख्या में डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स के जवानों को ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया है। इसमें राज्य पुलिस बल और जिला अधिकारी भी उनकी सहायता कर रहे हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए भूस्खलन प्रभावित इलाके का दौरा किया। वहीं इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। शाह ने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम भूस्खलन स्थल पर पहुंच गई है और दो और उनके रास्ते में हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने किया ट्वीट
अमित शाह ने ट्वीट किया, “मणिपुर में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन के मद्देनजर सीएम श्री @NBirenSingh और श्री @AshwiniVaishnaw से बात की। राहत और बचाव कार्य जोरों पर है। एनडीआरएफ की एक टीम पहले ही मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य में जुट गई है। 2 और टीमें तुपुल के रास्ते में हैं।”
वहीं मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्वीट किया,“तुपुल में भूस्खलन की स्थिति का आंकलन करने के लिए आज एक आपात बैठक बुलाई गई है। हादसे में लापता हुए लोगों का के बचाव का अभियान पहले से ही चल रहा है। आइए आज उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में रखें। ऑपरेशन में सहायता के लिए डॉक्टरों के साथ-साथ एम्बुलेंस भी भेजी गई हैं।”
स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है
नोनी के डिप्टी कमिश्नर के बयान में कहा गया है, “चूंकि स्थिति अभी भी बिगड़ती ही जा रही है और इसका अंत कब होगा ये कहना मुश्किल है। इसलिए आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे अपनी सावधानी बरतें और विशेष रूप से सुनिश्चित करें कि बच्चे नदी के पास न आएं। जो कोई भी अपनी जगह खाली कर सकता है उसे भी खाली करने की सलाह दी जाती है। जनता को आगे भी सतर्क रहने और बारिश की स्थिति और बिगड़ने की स्थिति में किसी भी सहायता के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।” बयान में यात्रियों को कई सड़क अवरोधों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 37 से बचने की सलाह दी गई है।